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यूक्रेन ने जारी की एडवाइजरी, कीव से तुरंत बाहर निकल जाएं भारतीय, ऑपरेशन गंगा में शामिल होगी C-17 विमान जानें क्या है खासियत
यूक्रेन में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने का जो अभियान भारत सरकार ने शुरू किया है, उसे 'ऑपरेशन गंगा' का नाम दिया गया है। भारत सरकार की ओर से कंट्रोल सेंटर भी तैयार किए गए हैं, जो यूक्रेन से लौटने की कोशिश में जुटे भारतीयों की मदद करेगी।
यूक्रेन ने जारी की एडवाइजरी, कीव से तुरंत बाहर निकल जाएं भारतीय
यूक्रेन सरकार ने भारतीयों के लिए अलग से एडवाइजरी जारी की गई है और उन्हें तुरंत राजधानी कीव छोड़ने को कहा गया है। भारतीय दूतावास ने भी लोगों से कहा है कि जैसे भी हो, वे लोग कीव शहर से बाहर निकल जाएं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भारतीयों को निकालने के लिए चलाए जा रहे 'ऑपरेशन गंगा' में वायुसेना को भी जुड़ने का आदेश दिया। वायु सेना के हवाई जहाज़ों के जुड़ने से भारतीयों के लौटने की प्रक्रिया गति पकड़ेगी और उनकी संख्या में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही भारत से भेजी जा रही राहत सामग्री भी और तेजी से पहुंचेगी। भारतीय वायु सेना के कई C-17 विमान आज ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान शुरू कर सकते हैं।
ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक भारतीय विमान 1.500 के करीब लोगों को यूक्रेन से भारत ला चुके हैं। हंगरी, पोलैंड, स्लोवाकिया समेत 5 देशों के रास्ते भारत सरकार अपने नागरिकों को स्वदेश लाने का काम कर रही है। अब तक 6 फ्लाइट भारतीयों को लेकर आ चुकी हैं। इस अभियान को और तेज करने के मकसद से ही केंद्र सरकार ने वायुसेना को भी इसमें शामिल करने का फैसला लिया है। सी-17 ग्लोबमास्टर विमान के जरिए लोगों को भारत लाया जाएगा। इससे पहले सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीके सिंह, हरदीप सिंह पुरी और किरेन रिजिजू को इस अभियान में शामिल होने को कहा था। सभी मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में जाकर रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करने को कहा गया था।
सी-17 ग्लोबमास्टर विमान की खासियत
2013 में स्काई लॉड्र्स स्क्वाड्रन में शामिल होने के बाद से भारतीय वायुसेना के सी-17 बेड़े में शामिल विमानों ने सैन्य अभियानों के तहत कई तरह के ऑपरेशन को अंजाम दिए हैं और भारत में और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति व्यवस्था, मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बोइंग आईएएफ के सी-17 बेड़े का रख-रखाव तकनीकी-लॉजिस्टिक सहायता और प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले हवाई कर्मचारियों के प्रशिक्षण के माध्यम से करता है।
- लंबाई -174 फीट, चौड़ाई- 170 फीट, ऊंचाई- 55 फीट
- 3500 फीट लंबी हवाई पट्टी पर उतरने की क्षमता
- 1500 फीट पर आपातकाल में उतारने में सक्षम
- 70 टन वजन ले जाने में सक्षम
- 42 हजार किमी तक की उड़ान भर सकता है एक बार में
- 150 से अधिक जवानों को एक साथ ले जाने की क्षमता
- 3 हेलीकॉप्टरों या दो ट्रकों को एयरलिफ्ट करने की ताकत
चीन सीमा पर टैंक ले जाने की क्षमता
सी-17 में चीन और पाकिस्तान सीमा तक टैंक ले जाने की क्षमता है। इससे पहले आईएल-76 वायुसेना के बेड़े में शामिल रहा था। 'ग्लोबमास्टर ने रूस के आईएल-76 की जगह ली है। इसके चालक दल के तीन लोगों के होते हैं। अमेरिकी वायु सेना ने इसे विकसित किया है। इस विमान ने पहली उड़ाने 15 सितंबर 1991 को भरी थी। ग्लोब मास्टर साढ़े तीन हजार फीट से कम के स्थान पर भी उड़ान भर सकता है। आपदा और युद्ध के दौरान माल के साथ सेना को भी उतारा जा सकता है।