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UP Assembly By Election: यूपी विधानसभा में कांग्रेस-सपा के बीच तय हुआ सीटों का फॉर्मूला!

Special Coverage Desk Editor
18 July 2024 5:43 PM IST
UP Assembly By Election: यूपी विधानसभा में कांग्रेस-सपा के बीच तय हुआ सीटों का फॉर्मूला!
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UP Assembly By Election: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर तय हुआ सपा-कांग्रेस के बीच सीटों का फॉर्मूला!

UP Assembly By Election: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव को लेकर बड़ा अपडेट सामने आ रहा है. लोकसभा चुनाव में मिली सफलता के बाद अब उपचुनाव को लेकर भी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन हो गया है. खास बात यह है कि 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर दोनों के बीच सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बन गई है. सूत्रों की मानें तो इस बार उपचुनाव में कांग्रेस जहां 3 सीट पर चुनावी मैदान में होगी वहीं समाजवादी पार्टी 7 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार सकती है.

विधानसभा चुनावों पर भी होगा मंथन

कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी और अखिलेश यादव की जल्द मुलाकात हो सकती है. इस मुलाकात में आगामी विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे पर भी फॉर्मूला तय किया जा सकता है. दोनों ही नेताओं ने हाल में संसद के सत्र के दौरान एक दूसरे से मुलाकात की थी.

लोकसभा के परिणामों ने दोनों दलों के बीच गठबंधन को हरी झंडी दे दी है. यही वजह है कि अब आगामी चुनावों में कांग्रेस-सपा मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. बता दें कि इस साल के अंत में महाराष्ट्र, हरियाणा दोनों ही प्रदेश के चुनाव इन दलों के लिए काफी अहम हैं. इसके साथ ही यूपी में जिस तरह के सपा और कांग्रेस का प्रदर्शन रहा है वह विधानसभा उपचुनाव में दोहराता है तो इस गठबंधन की नींव और मजबूत हो जाएगी.

इन 10 सीटों पर होना विधानसभा उपचुनाव

बता दें कि उत्तर प्रदेश में जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें प्रमुख रूप से मिल्कीपुर, कटेहरी, गाजियाबाद, कुंदरकी, करहल, खैर, मीरपुर, मंझवा, सीसामऊ और फूलपुर शामिल हैं. खास बात यह है कि इन 10 में से 5 सीट पर पहले ही समाजवादी पार्टी का कब्जा रह चुका है. जबकि आरएलडी-निषाद पार्टी की एक-एक सीट है. इन सात सीटों के अलावा बची हुई तीन सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है.

ये उपचुनाव न सिर्फ सपा के लिए साख का सवाल है बल्कि बीजेपी के लिए भी बड़ी चुनौती है. लोकसभा में हुए नुकसान के बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व पर भी सवाल उठ रहे हैं. यही नहीं पार्टी में कुछ मतभेद की खबरें भी बीते दिनों सामने आई हैं. ऐसे में इस चुनाव में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन काफी मायने रखता है.

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