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UP big news : अखिलेश यादव के EVM 'चोरी' के आरोप के बाद वाराणसी समेत तीन जगहों के अधिकारियों पर कार्रवाई
लखनऊ: यूपी में विधानसभा चुनाव के गुरुवार को आने वाले नतीजों से पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से जुड़े तीन मामलों में कार्रवाई की गई है. बनारस में EVM 'चोरी' के आरोप मामले में ADM रैंक के अधिकारी को हटाया गया है. इसी क्रम में बरेली में मतगणना स्थल पर कूड़े को गाड़ी में पोस्टल वैलेट मिलने पर सपा कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद ज़िला प्रशासन ने आरओ-एसडीएम बहेड़ी पारुल तरार को हटा दिया है. एक अन्य मामले में सोनभद्र में एसडीएम को हटाया गया है. प्रशासन ने माना कि ईवीएम को लेकर नियमों का पालन नही किया गया.
बता दें, तसमाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने वाराणसी के काउंटिंग सेंटर से ईवीएम मशीनों को ले जाते हुए पकड़ा था.वाराणसी के कमिश्नर ने इस मामले में चूक को स्वीकार किया था. बाद में चुनाव आयोग और वाराणसी के प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा था कि वोटिंग में इन ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया गया था, अधिकारियों ने दावा किया था इन ईवीएम को ट्रेनिंग के लिए ले जाया जा रहा था.
विधानसभा चुनाव के( 10 मार्च को आने वाले नतीजों से पहले ही ईवीएम की मूवमेंट के मामले ने विवाद खड़ा कर दिया है. दरअसल सपा प्रमुख अखिलेश (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि मतगणना से 48 घंटे पहले वाराणसी में ईवीएम मशीनों को अवैध रूप से ले जाया गया. अब समाजवादी पार्टी की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें अधिकारी ने स्वीकार किया है कि 'खामियां' थीं.वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने मंगलवार शाम पत्रकारों से बात करते हुए स्वीकार किया कि ईवीएम की आवाजाही के प्रोटोकॉल में चूक हुई थी हालांकि, उन्होंने कहा कि ये मशीनें सिर्फ ट्रेनिंग के उद्देश्य से लाई गई थीं.
समाजवादी पार्टी द्वारा शेयर किए गए वीडियो में दीपक अग्रवाल कहते दिख रहे हैं कि यदि आप ईवीएम की मूवमेंट के लिए प्रोटोकॉल के बारे में बात करते हैं, तो प्रोटोकॉल में चूक हुई थी, मैं इसे स्वीकार करता हूं, लेकिन मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि मतदान में इस्तेमाल होने वाली मशीनों को हटाना असंभव है." मतगणना केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे, सुरक्षा गार्ड और राजनीतिक दल के प्रतिनिधि थे. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल के कार्यकर्ता नजर रखने के लिए केंद्रों के बाहर भी बैठ सकते हैं.