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यूपी की आईपीएस अपर्णा संभाल रही टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन की कमान
उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने के बाद हाहाकार मचा है। जिधर देखो उधर ही तबाही नजर आती है। लोग अपनों को तलाशने के लिए यहां से वहां भटक रहे हैं। ऐसे में हर आंख उन मलबों पर टिकी है जहां ITBP के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। Tapovan power tunnel में ITBP की पहली महिला अफसर अपर्णा इनकी कमान संभाल रही हैं।
IPSअपर्णा ITBP की DIG हैं। कर्नाटक के शिवमोगा की रहने वाली अपर्णा 2002 यूपी कैडर की IPS अफसर हैं। उनके पति संजय कुमार यूपी कैडर के IAS अफसर हैं। अपर्णा कुमार 7 समिट्स यानी दुनिया की 7 सबसे ऊंची चोटियों पर तिरंगा फहराने वाली देश की पहली IPS अफसर हैं। उन्होंने माउंट एवरेस्ट, माउंट किलिमंजारो, माउंट एल्ब्रुश, कार्सटेंस पिरामिड, विन्सन मैसिफ, माउंट एकांकागुआ और माउंट डेनाली पर चढ़ाई करने में कामयाबी हासिल की है। ये सभी चोटियां दुनिया के 7 अलग-अलग महाद्वीपों में स्थित हैं।
अपर्णा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि साल 2002 में पहली बार उन्होंने बर्फ से ढके पहाड़ों को देखा था। उस वक्त वो मसूरी में एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेज की ट्रेनिंग कर रहीं थीं। उसी दौरान उन्होंने पर्वतारोहण का मन बना लिया था। लेकिन पहला कदम बढ़ाने में उन्हें 11 साल लग गए थे। जब 2013 में उन्होंने माउंटेनियर फाउंडेशन का कोर्स किया। तब उनकी उम्र 39 साल हो चुकी थी। अपर्णा ने माउंटेनियर कोर्स पूरा करन के एक साल बाद ही यानी 2014 में पहली बार अफ्रीका की सबसे ऊंची माउंट किलिमंजारो की चोटी पर चढ़ाई की। इसी साल आस्ट्रेलिया और ओशिनिया के सबसे ऊंचे पर्वत कार्स्टेंस पिरामिड पर तिरंगा फहराया।
2015 में अर्जेंटीना की सबसे ऊंची माउंट एकांकाकागुआ की चोटी पर फतह हासिल की। इसी साल वह रूस की कोकेशियान रेंज की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुश पर भी चढ़ने में कामयाब हो गईं। 2016 में उन्होंने विन्सन मासिफ पर पताका फहराई तो दुनिया की सबसे ऊंची चोटी नेपाल की माउंट एवरेस्ट पर भी तिरंगा फहराया। 2019 में कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद वह सफलतापूर्वक दक्षिणी ध्रुव पर भी पहुंची थी। इस दौरान उनके पास कई किलोग्राम के भारी उपकरण भी थे। वह माइनस 40 डिग्री तापमान में दक्षिणी ध्रुव तक गई थीं।
अपर्णा कुमार को एडवेंचर के क्षेत्र में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा 2019 में देश के सर्वोच्च सम्मान तेनजिंग नोरगे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इस पुरस्कार को खेलकूद के क्षेत्र में दिए गए अर्जुन पुरस्कार के बराबर माना जाता है।"