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देखे विडियो: रोमानिया के लिए C-17 एयरक्राफ्ट ने हिंडन एयरबेस से भरी उड़ान, जानें खासियत

देखे विडियो: रोमानिया के लिए C-17 एयरक्राफ्ट ने हिंडन एयरबेस से भरी उड़ान, जानें खासियत
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रूस और यूक्रेन के बीच जंग लगातार सातवें दिन भी जारी है। बढ़ते खतरा को देखते हुए भारत समेत कई देशों ने अपने नागरिको को निकालने के लिए निकासी अभियान को तेज कर दिया है। भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा मिशन के तहत भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकालने के लिए वायुसेना की भी मदद ली है। ताजा जानकारी के अनुसार वायुसेना का एक विमान C-17 बुधवार सुबह 4 बजे हिंडन एयरबेस से रवाना हो गया। वह रोमानिया से स्टूडेंट्स को एयरलिफ्ट करेगा।

रूस-यूक्रेन की वर्तमान स्थिति की बात करें तो दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। इन सब के बीच अन्य देशों के नागरिकों के लिए भी खतरा बढ़ गया है। इस बढ़ते खतरे को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने भी कमर कस ली है। इसी के तहत एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों के एयरलिफ्ट के लिए वायुसेना को तैयार रहने को कहा था, जिसके लिए वायुसेना के कई C-17 विमानों की सहायता लेने की बात की थी। ऑपरेशन के गंगा के तहत ही वायुसेना इस मिशन में उतरी है जिससे भारतीयों को लाने का काम तेजी पकड़ेगा और वहां राहत सामग्री पहुंचाने में भी तेजी आएगी। इसकी वजह ये है कि इस विमान में एक बार में 500-700 लोग लाए जा सकते हैं, जबकि एयर इंडिया की फ्लाइट में यह संख्या 200-250 तक होती है।

रेस्क्यू के लिए ग्लोबमास्टर ही क्यों?

दरअसल, बोइंग C-17 ग्लोबमास्टर विश्व के बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है। इसमें एक साथ सैकड़ों लोग सवार हो सकते हैं। यूक्रेन में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। ऐसे में कम समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों की वतन वापसी के लिए ही ग्लोबमास्टर को चुना गया। ग्लोबमास्टर में लगभग 400 लोग सवार हो सकते हैं। इस विमान को अमेरिकी अंतरिक्ष कंपनी बोइंग ने बनाया है।

क्या है खासियत

एक बार में कई हजार किमी की यात्रा कर सकता है

ग्लोबमास्टर की लंबाई- 174 फीट, चौड़ाई- 170 फीट जबकि ऊंचाई- 55 फीट है

ये विशाल विमान तीन हेलीकाप्टर या दो ट्रकों को भी एयरलिफ्ट कर सकता है

लैंडिंग में परेशानी होने की स्थिति में रिवर्स गियर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है

ग्लोबमास्टर विमान चार इंजनों से लैस है

कारगिल, लद्दाख और जैसे कठिन जगहों पर भी आसानी से उतर सकता है

यह विमान सिंगल होप में 4200-9000 किलोमीटर की दूरी तक 70 टन का माल लेकर उड़ान भर सकता है।

हर मुश्किल में बना भारत का खेवनहार

बीते साल यानी अप्रैल 2021 में कोरोना की दूसरी घातक लहर के दौरान जब पूरे भारत से ऑक्सीन की किल्लत की खबरें आ रही थीं तब C-17 ग्लोबमास्टर विमानों से ही ऑक्सीजन टैंकरों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया था।

पिछले साल ही अगस्त माह के दौरान जब तालिबानियों ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया तो ग्लोबमास्टर ही 600 भारतीयों को काबुल से सकुशल वापस लाया था।

साल 2020 में अक्तूबर माह में जब भारत-चीन के बीम सीमा विवाद को लेकर तनाव बढ़ गया था तो इसी विमान से सैनिकों के लिए रसद सामग्री चीन सीमा तक पहुंचाई गई थी।

आठ साल पहले बिहार में जब भीषण बाढ़ आई थी तो C-17 ग्लोबमास्टर को ही वहां अस्पताल का रूप दिया गया था और इसी विमान में डॉक्टरों को दिल्ली से बिहार ले जाया गया था।

बिहार ही नहीं नेपा की राजधानी काठमांडू, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश में भी आपदा के दौरान इस विमान से आपदाग्रस्त लोगों तक मदद पहुंचाई गई थी।

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