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- पर्यावरण को बचाने के...
पर्यावरण को बचाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा ..
यूं तो दुनिया में लाखों इरादें बनाकर चलते हैं लोग,
कुछ अपने लिए तो कुछ दूसरों के लिए अक्सर जीते हैं लोग ।।
बस खासियत इस बात की है हम मुट्ठी में आसमान कैद कर लें,
अपनी खासियत के कारण ही दूर दूर तक जाने जाते हैं लोग ।।
एक जुनून एक जिम्मेदारी एक हौसला और कुछ नया करने का जज्बा जब आदमी में जागने लगता है तो वह व्यक्ति किसी छोटी बड़ी पहचान का मोहताज नहीं रह जाता । अपने कर्तव्य कर्म तो संसार का प्रत्येक मनुष्य जीवन भर निभाता रहता है । कुछ लोग अपनी आत्म शक्ति के बल पर दुनिया के सामने एक नजीर बन कर उभर जाते हैं । पश्चिम उत्तर प्रदेश में एक जिला है, अमरोहा। वहां से आते हैं पर्यावरण प्रहरी नाम से जाने पहचाने उपजिलाधिकारी मांगेराम चौहान।
उपजिलाधिकारी मांगे राम चौहान जी द्वारा चलाईं जा रही पर्यावरण संरक्षण की मुहिम एक मिशाल बनकर उभर चुकी है । देश- विदेशी लोग भी आज पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में शामिल होना चाहते हैं।
आज जिस प्रकार अंधाधुंध वृक्षों का कटान हो रहा है । हजारों प्रयासों के बावजूद भी लोग अपना आने वाला भविष्य देखने के लिए तैयार नहीं है । जिसके फलस्वरूप हवा में घुलते जहर के कारण हर समय मास्क का प्रयोग अनिवार्य हो चुका है ।
साल 2021 में जारी होने वाली आईपीसीसी की रिपोर्ट चौंकाने वाली है जिस प्रकार जलवायु परिवर्तन लगातार बदलता चला जा रहा है । वर्षा का अनुपात कहीं अत्यधिक तो कहीं आवश्यकता से भी कम होता चला जा रहा है । धरती की बढ़ती गर्मी की वजह से हिमशिखर लगातार पिघलते चले जा रहे हैं । समुद्रतल का स्तर लगातार बढ़ता चला जा रहा है । यदि ऐसा ही होता रहा तो कुछ ही समय में समुद्र तटीय बड़े शहर व छोटे छोटे देश समुद्र में समा जायेंगे ।
यदि सब कुछ इसी प्रकार चलता रहा तो जल्द ही इस भयानक त्रासदी को रोकना असंभव हो जायेगा। आज बदलते पर्यावरण के संतुलन से हर कोई वाकिफ है। प्रसिद्ध वालीवुड सिंगर सुरभि सिंह ने मंडी धनौरा जनपद अमरोहा उत्तर प्रदेश उपजिलाधिकारी मांगे राम चौहान की प्रसंशा करते हैं, कहा है "कि पर्यावरण असंतुलन आज की सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है । इससे बचने के लिए अधिक से अधिक मात्रा में वृक्षारोपण करें । जिससे बढ़ते पर्यावरण असंतुलन को रोका जा सके । और उन्होंने भी इस मुहिम की बहुत तारीफ की है"
पर्यावरण के संरक्षण की जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति अथवा समूह अथवा समुदाय की नहीं वरन् हम सब की है । यदि हम अभी नहीं चेते तो हो सकता है कल बहुत देर हो चुकी होगी ।फिर पछताने से कोई फायदा नहीं होगा ।आज जिस प्रकार भूमिगत पानी का अत्यधिक मात्रा में दोहन हो रहा है । भूमिगत जलस्तर प्रतिदिन नीचे खिसक रहा है । अनेकों प्रकार की लाभकारी वनस्पतियां अधिक वर्षा के अभाव में विलुप्त हो चुकी है और कुछ विलुप्त होने के कगार पर हैं । बड़े-बड़े वृक्ष भी आज प्रदूषण की मार को झेलने में असमर्थ सिद्ध हो रहे हैं । ऐसी परिस्थिति में उपजिलाधिकारी मांगे राम चौहान जो पेशे से एक संवैधानिक पद पर बैठकर पर्यावरण असंतुलन से चिंतित होकर पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानकर अपनी कर्तव्य निष्ठा का परिचय दे रहे हैं ।ऐसी परिस्थिति में देश के प्रत्येक नागरिक,नेता, अधिकारी, कर्मचारी और अभिनेताओं का भी दायित्व बनता है कि वह पर्यावरण संरक्षण को लेकर एक नयी जागरुकता पैदा करें और खुद भी पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें । तभी अपनी हरी भरी धरती को सकुशल बचाया जा सकेगा।
लेखक - चन्द्र शेखर शर्मा मार्कंडेय,
संपादित - प्रत्यक्ष मिश्रा