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कब है मौनी अमावस्या? जानें तिथि, स्नान-दान और मौन व्रत का महत्व
माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या होती है. इसे माघी अमावस्या या माघ अमावस्या (Magh Amavasya) कहते हैं. मौनी अमावस्या इस वर्ष 01 फरवरी दिन मंगलवार को है. मंगलवार को पड़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या भी कहते हैं. हालांकि कुछ लोग 31 जनवरी को मौनी अमावस्या बता रहे हैं, लेकिन तिथि अनुसार 01 फरवरी की मौनी अमावस्या स्नान, दान और व्रत के लिए अच्छा है. इस दिन गंगा स्नान करने और मौन व्रत रखने की परंपरा है. इस दिन स्नान-दान से पुण्य लाभ होता है. आइए जानते है कि मौनी अमावस्या की सही तिथि, गंगा स्नान (Ganga Snan), दान (Daan), मौन व्रत (Maun Vrat) आदि का क्या महत्व है?
पंचांग के आधार पर देखा जाए तो इस साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 31 जनवरी को दोपहर 02:18 से शुरु हो रही है, जो 01 फरवरी दिन मंगलवार को दिन में 11:15 बजे तक है. ऐसे में स्नान दान के लिए उदयातिथि मान्य होती है. अमावस्या की तिथि में सूर्योदय 01 फरवरी को है, इसलिए इस दिन ही मौनी अमावस्या का स्नान, दान और व्रत रखना उत्तम रहेगा.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन देवी-देवता स्वर्ग लोक से आकर गंगा में वास करते हैं. इस वजह से इस दिन गंगा स्नान करने से सभी प्रकार के पाप मिट जाते हैं और कष्ट दूर होते हैं. मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज और हरिद्वार में विशेष स्नान होता है.
मौनी अमावस्या को गंगा नदी में स्नान के बाद दान करने का विधान है. इस दिन स्नान के बाद आपको काला तिल, गरम कपड़े, कंबल, तेल, जूते आदि का दान कर सकते हैं. दान करने से पुण्य प्राप्त होता है और ग्रहों से जुड़े दोष भी दूर हो जाते हैं.
मौनी अमावस्या को स्नान और दान के बाद मौन व्रत रखने की परंपरा है. मौन व्रत रखने से व्यक्ति की आतंरिक ऊर्जा बढ़ती है, उसके अंदर आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि होती है. मौन व्रत धारण करके व्यक्ति एकांत में आत्मावलोकन करता है. ईश्वर का ध्यान करता है, मनुष्य योनी में जन्म के उद्देश्य को समझता है. मौन व्रत एक प्रकार से आत्म ज्ञान में वृद्धि करने का अवसर है.
मौनी अमावस्या, शुभ मुहूर्त
माघ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि 31 जनवरी 2022 को रात 02 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 01 फरवरी 2022, मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी। इसदिन सूर्योदय के समय स्नान करना विशेष फलदायी है।