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मनुष्य में जब शिवत्व जागता है तो वो लेखक बनता है। " शिवता के बिना कलाकार और लेखक होना मुश्किल है : विश्वनाथ तिवारी

Desk Editor
19 Sept 2021 7:16 PM IST
मनुष्य में जब शिवत्व जागता है तो वो लेखक बनता है।  शिवता के बिना कलाकार और लेखक होना मुश्किल है : विश्वनाथ तिवारी
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अनामिका जी के लेखन में यह रचनात्मक प्रक्रिया बहुत स्पष्ट ढंग से परिलक्षित होती है। 'दस द्वारे का पिंजरा ' हो या उनका नया उपन्यास 'आईनासाज़ '

कल साहित्य अकादमी के समारोह में अपने अध्यक्षीय भाषण में विश्वनाथ तिवारी जी ने अभिनवगुप्त के हवाले से बहुत सुंदर बात कही - " मनुष्य में जब शिवत्व जागता है तो वो लेखक बनता है। " शिवता के बिना कलाकार और लेखक होना मुश्किल है। शिवता आपके चेतना के वितान को अनंत की ओर उन्मुख करता है और सत्य और सौंदर्य की अनुभूति कराता है।

कहना न होगा कि अनामिका जी के लेखन में यह रचनात्मक प्रक्रिया बहुत स्पष्ट ढंग से परिलक्षित होती है। 'दस द्वारे का पिंजरा ' हो या उनका नया उपन्यास 'आईनासाज़ '

या फिर कविताएं - सबके सब जीवन की साधारणता के बीच से " सत्यम शिवम सुंदरम " के स्वप्न को साकार करने की एक कोशिश है।

बहरहाल ! मौका उत्सव का है। कवि तो विश्व मानव होता है। सारा संसार ही उसका अपना शहर, मोहल्ला और घर होता है। फिर भी मुजफ्फरपुर की बड़ी बेटी की उपलब्धि पर छोटी बेटी क्यों न नाचे - गाए!

सत्यवती महाविद्यालय के परिवार के सदस्य के रूप में ये खुशी दुगुनी हो रही तो मैं क्यों न इतरा लूं जरा ..

- मेधा ( प्रोफेसर , दिल्ली यूनिवर्सिटी )

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