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कश्मीर फाइल्स: लालकृष्ण आडवाणी नेअपनी आत्मकथा में उन्होंने कश्मीर के बारे में फिर ये क्यों लिखा?

News Desk Editor
17 March 2022 6:43 PM IST
कश्मीर फाइल्स: लालकृष्ण आडवाणी नेअपनी आत्मकथा में उन्होंने कश्मीर के बारे में फिर ये क्यों लिखा?
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Piyush Babele

कश्मीर फाइल्स के शोर-शराबे के बीच मन हुआ कि इस पूरे घटनाक्रम के सबसे बड़े किरदार लालकृष्ण आडवाणी आखिर कश्मीर के मुद्दे पर क्या सोचते हैं? अपनी आत्मकथा में उन्होंने कश्मीर के बारे में जो लिखा वह बीजेपी के आजकल के विचार से उलट है।

धारा 370 को हटाते समय संसद में भाजपा सरकार के मंत्रियों ने तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू को इसके लिए घेरा था। लेकिन आडवाणी ने अपनी आत्मकथा 'माय कंट्री माय लाइफ' में लिखा है कि धारा 370 संविधान सभा में जिस दिन पास हुई तब पंडित नेहरू विदेश में थे।

आडवाणी ने इस घटनाक्रम का लंबा वर्णन किया कि किस तरह पूरी कांग्रेस पार्टी धारा 370 के खिलाफ थी। सरदार पटेल ने कांग्रेस नेताओं की बैठक बुलाई। इस बैठक में जबरदस्त हंगामा हुआ। मौलाना आजाद सहित कोई नेता कांग्रेसियों को धारा 370 पर समझा नहीं सका।

अंत में सरदार वल्लभभाई पटेल ने धारा 370 के व्यावहारिक पहलू और अंतरराष्ट्रीय जटिलताओं को समझाया। अंततः कांग्रेस पार्टी सरदार वल्लभभाई पटेल की इच्छा के सामने झुक गई और धारा 370 जब संविधान सभा में पेश हुई तो लगभग बिना बहस के पारित हो गई।

आडवाणी ने यह भी लिखा कि जब सरदार से पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते थे कि कोई कहे कि नेहरू जी की अनुपस्थिति में उन्होंने पंडित जी का साथ नहीं दिया। बाद में सरदार के निजी सचिव वी शंकर ने धारा 370 को सरदार पटेल की उपलब्धि बताया।

इस तरह आडवाणी दो बातें साफ करते हैं। धारा 370 सरदार पटेल ने पास कराई। दूसरी बात है कि पंडित नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल के रिश्ते बहुत गहरे थे और नेहरु जी की प्रतिष्ठा और जिम्मेदारी को सरदार अपनी प्रतिष्ठा और जिम्मेदारी मानते थे।

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