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मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े के खिलाफ बयानबाजी के मामले में माफी क्यों मांगी?
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ बार-बार टिप्पणी करने वाले नवाब मलिक ने माफी मांगी है. नहीं समीर वानखेड़े से नहीं. बॉम्बे हाई कोर्ट से. बिना किसी शर्त के. पिछले महीने नवाब मलिक और उनके परिवार ने हाई कोर्ट को आश्वासन दिया था कि अब वे समीर वानखेड़े और उनकी फैमिली पर टिप्पणी नहीं करेंगे. लेकिन नवाब मलिक ने टिप्पणी कर दी. इस पर कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया तो नवाब मलिक को एक छोटू सा हलफनामा दायर करना पड़ा. इंडिया टुडे से जुड़ीं विद्या की रिपोर्ट के अनुसार, हलफनामे में नवाब मलिक की तरफ से कहा गया,
"मैंने कोर्ट के सामने 25 और 29 नवंबर को जो घोषणाएं की थीं, उनका उल्लंघन करने पर मैं बिना किसी शर्त के माफी मांगता हूं. मेरा उद्देश्य कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन या अपमान करना नहीं था."
रिपोर्ट के मुताबिक, नवाब मलिक ने कोर्ट के सामने सफाई भी पेश की. कहा कि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन इसलिए हुआ क्योंकि वो मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. मलिक ने कहा कि उन्हें लगा कि मीडिया को दिए गए जवाब, कोर्ट में उनकी तरफ से की गई घोषणा के दायरे में नहीं आते. हालांकि, मलिक ने आगे कहा कि मीडिया में बयान देने के बाद उन्हें सलाह दी गई कि कोर्ट में उनकी तरफ से की गई घोषणा के दायरे में हर तरह के बयान आते हैं, वो बयान भी जो वो मीडिया में दे रहे हैं.
इस आधार पर मलिक की तरफ से कहा गया कि वे अब समीर वानखेड़े के संबंध में कहीं भी किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं करेंगे. हालांकि, कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि मलिक ने जानबूझकर अपनी घोषणाओं का उल्लंघन किया. कोर्ट ने मलिक से ये भी पूछा कि आखिर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए.
वानखेड़े की ड्यूटी पर करेंगे टिप्पणी
कोर्ट के इस सवाल के जवाब में नवाब मलिक के वकील अस्पी चिनॉय ने कहा कि उनकी तरफ से जल्द ही एक एफिडेविट दाखिल किया जाएगा. उन्होंने कोर्ट को बताया कि हलफनामे में घोषणाओं के उल्लंघन पर एक तरफ खेद प्रकट किया जाएगा और दूसरी तरफ ये बताया जाएगा कि आखिर ऐसा क्यों हुआ. हालांकि, मलिक की तरफ से ये भी कहा गया कि वो भविष्य में समीर वानखेड़े की ड्यूटी के ऊपर टिप्पणी कर सकते हैं. लेकिन वो वानखेड़े, उनके परिवार, उनकी छुट्टियों और उनकी व्यक्तिगत चीजों पर टिप्पणी नहीं करेंगे.
मलिक के इस बयान पर वानखेड़े के वकील बीरेंद्र सराफ ने संतुष्टि जताई. इसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने मलिक की बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली और आगे किसी भी आदेश को पारित करने की जरूरत को नकार दिया.
दूसरी तरफ, समीर वानखेड़े और उनकी पत्नी क्रांति रेडकर ने फेसबुक, ट्विटर, गूगल इत्यादि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है. अपनी याचिका में दोनों ने मांग की है कि इन प्लेटफॉर्म्स को उनकी मानहानि करने वाले कंटेट को प्रकाशित करने से रोका जाए. इस पर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में उनकी पैरेंट कंपनीज को पक्षकार बनाया जाना चाहिए, जो अपने ऑफिस देश के बाहर से चलाती हैं.
समीर वानखेड़े और उनकी पत्नी की याचिका में IT एक्ट का भी जिक्र है. याचिका के मुताबिक, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स IT एक्ट के तहत इस बात के लिए उत्तरदायी हैं कि समीर वानखेड़े, उनकी पत्नी और उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ मानहानि करने वाला कंटेट प्रकाशित ना हो.