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पंजाब की इन दो बड़ी खबरों पर मेन स्ट्रीम मीडिया में खामोशी क्यों?
पहली खबर : एक कांग्रेस कार्यकर्ता इक़बाल सिंह की आप कार्यकर्ताओं द्वारा बेरहम पिटाई से मौत।
फिरोजपुर: कुछ दिनों पहले पंजाब के फिरोजपुर के एक गांव में हमले में घायल हुए कांग्रेस के एक कार्यकर्ता की मंगलवार को अस्पताल में मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस ने मामले में दर्ज प्राथमिकी में हत्या का आरोप जोड़ा है. कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पार्टी के कुछ सहयोगियों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और आरोप लगाया कि हमले में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ता शामिल थे.
पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के दो दिन बाद 12 मार्च को यहां कसोआना गांव निवासी एवं कांग्रेस कार्यकर्ता इकबाल सिंह (53) पर तीन लोगों ने ईंटों से हमला किया था. घटना में इकबाल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें फरीदकोट के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. पुलिस ने कहा कि सिंह की हालत गंभीर बनी हुई थी और मंगलवार को उनकी मृत्यु हो गई.
जीरा सदर थाने के सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) बलराज सिंह ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ 13 मार्च को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन्होंने बताया कि अब प्राथमिकी में धारा 302 (हत्या) जोड़ दी गई है. एएसआई ने कहा, ''आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाश अभियान शुरू कर दिया गया है और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.''
दूसरी खबर : कपास की बर्बाद फ़सल का मुआवज़ा माँग रहे किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज।
पंजाब में आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। इस दौरान 7 किसान घायल हो गए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 6 किसानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। राज्य में आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार आने के बाद पहली बार किसानों पर लाठीचार्ज हुआ है। ये किसान 'भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां)' के बैनर तले तबाह हो चुकी कपास की फसल के मुआवजे की माँग कर रहे थे। बीकेयू उगराहां ने आरोप लगाया है कि लांबी में हुए लाठीचार्ज के दौरान सात किसान घायल हो गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) की अगुआई में किसानों ने लांबी के नायब तहसीलदार समेत अन्य स्टाफ को दफ्तर में बंधक बना लिया था। पुलिस ने सोमवार (28 मार्च, 2022) देर रात 12 बजे किसानों पर लाठीचार्ज कर नायब तहसीलदार और स्टॉफ को छुड़ाया। नायब तहसीलदार अरजिंदर सिंह और स्टाफ के बाहर आने के बाद अब पूरे प्रदेश के तहसीलदार हड़ताल पर चले गए हैं।
मलोट के एसडीएम प्रमोद सिंगला ने किसानों की माँग को गलत ठहराते हुए कहा कि 10 गाँव के लोग यहाँ आकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके द्वारा 50 फीसदी कपास खराब होने का झूठा दावा किया जा रहा है।
वहीं, बीकेयू उगराहां के नेता गुरपक्ष का कहना है कि पुलिस के लाठी चार्ज में सात किसानों को चोटें आई हैं और उन्हें लांबी के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। गुरपक्ष ने यह भी दावा किया है कि किसानों की फसल गुलाबी सुंडी की वजह से खराब हो गई थी। किसानों का आरोप है कि गुलाबी सुंडी से खराब हुई नरमा की फसल के मुआवजे के मामले में मुक्तसर जिले को नजरअंदाज किया गया है। मुक्तसर जिले में अधिकतर नरमा की खेती लांबी ब्लॉक में ही होती है। गिरदावरी में लांबी ब्लॉक के केवल छह गाँवों को ही शामिल किया गया और उन्हें भी अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया, जबकि अन्य करीब 30 गाँवों को गिरदावरी में शामिल ही नहीं किया।