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उत्तर प्रदेश को योगी सरकार ने आतंक गढ़ बना दिया, लखीमपुर खीरी की घटना ने साबित कर दिया- अतुल कुमार अनजान
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में विगत 2 अक्टूबर को प्रदेश की मोदी योगी सरकार ने निहत्थे किसानों के साथ जो बर्बर अत्याचार किया उसने पूरे देश को हिला कर रख दिया । केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा अपने संसदीय क्षेत्र लखीमपुर खीरी में अपने पिता की स्मृति में किसी सामाजिक कार्यक्रम में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के साथ आने वाले थे । देश में चल रहे किसानों के तीन काले कानूनों के खिलाफ और सभी कृषि उत्पाद के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की कानूनी गारंटी और बिजली बिल 2020 की वापसी को लेकर विगत 1 वर्ष से चल रहे देशव्यापी आंदोलन के तहत किसानों ने अपने मांग पत्र को उन्हें देने का निर्णय लिया ।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री पहले भी किसानों के संबंध में चुनौतीपूर्ण भाषा में कई प्रकार के वक्तव्य दे चुके थे । भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का अब यह उनके चाल चलन का प्रमुख हिस्सा बन गया है। वह किसान आंदोलन और जन आंदोलनों को कुचलने के लिए गैर लोकतांत्रिक भाषा का प्रयोग खुलेआम कर रहे है। भाजपा प्रशासन के अंतर्गत हरियाणा के करनाल में एसडीएम ने प्रदर्शनकारी किसानों के सर फोड़ देने का ऐलान किया । दर्जनों किसान घायल हुए और एक किसान की मृत्यु हुई । अभी फिर प्रदेश के भाजपा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आर एस एस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा यह किसान आंदोलन और हर सरकार विरोधी आंदोलन का जवाब लाठी से दिया जाना चाहिए।
भाजपा नेताओं के यह वक्तव्य सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हो रहे हैं । इन्हीं सब बातों से उत्साहित होकर भाजपा नेतृत्व में सरकारी मशीनरी और पार्टी कार्यकर्ता दोनों एक साथ मिलकर किसान आंदोलन और जन आंदोलन पर सारी सीमाएं पार कर हमला कर रहे हैं । इसी हमले के तहत लखीमपुर खीरी में हजारों किसान जो मंत्रियों को ज्ञापन देने के लिए इकट्ठा हुए थे, उन पर केंद्रीय राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा ने अपने पूरे काफिले के साथ गाड़ियों से किसानों को रौंद डाला , गोलियां चलाई । इस पूरे कांड में एक पत्रकार सहित 9 लोगों की हत्या कर दी गई । इसके विरोध में सारे देश में व्यापक रोष व्याप्त हो गया है । देश की जनता विशेषकर संघर्षरत वो लोग और किसान मोदी योगी सरकार के भाजपा संघ आर एस एस की नीतियों का पर्दाफाश होगी हो गया को पूरी तरह से जनता समझ रही है ।
अखिल भारतीय किसान सभा ने लखीमपुर खीरी की घटना के विरोध में, किसानों की निर्मम हत्या के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध का का नारा दिया है । सारे देश में सभी जिलों में किसानों एवं छात्र, नौजवान, महिलाओं के संगठन ट्रेड यूनियंस ने मिलकर व्यापक प्रदर्शन आयोजन का सिलसिला बनाया हुआ है । जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस के अधिकारियों और राज्य के मंत्रियों का घेराव और मांग पत्र जारी है । इसी बीच अखिल भारतीय किसान सभा के उत्तर प्रदेश के नेतृत्व के प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज बेग, महासचिव पूर्व विधायक राजेंद्र यादव, किसान नेता अशोक मिश्रा, विनय कुमार सिंह, कमलेश यादव सहित आठ लोग पीड़ित हत्या पुलिस ,भाजपाई जुल्म से मारे गए किसान परिवारों से मिलने के लिए लखीमपुर खीरी जा रहे थे ।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 60 किलोमीटर दूर इटौंजा टोल टैक्स पर उन्हें रोक दिया गया । किसान नेता वहीं धरने पर बैठ गए । बाद में जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने आकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है और एक अज्ञात स्थान पर ले गए हैं । पूरे क्षेत्र में इस घटना पर सैकड़ों किसान इटौंजा पर एकत्रित हो गए है ।अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव एवं संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अतुल कुमार अनजान ने किसान नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा की उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के माध्यम से उनके निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश को जुल्म की भट्टी में झोंक दिया गया है ।
जनता के आंदोलनों को चाहे वह बेकारी और महंगाई के खिलाफ , बढ़ते डीजल पेट्रोल के मूल्यों के खिलाफ हो उन्हें पिछले 3 वर्षों में पूरी तरह से कुचलने के लिए प्रदेश में धारा 144 लगा दिया है । लिखने, बोलने पर भी पाबंदी है । विरोध के स्वर को राष्ट्र विरोधी करार देकर डी आई आर के तहत बंद किया जा रहा है । प्रदेश के किसानों को पूरी तरह से बिजली के बिल बढ़ाकर, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदारी न करके, बिचौलियों के हवाले करके ,पूरी तरह से लूट लिया गया। छोटे ,बड़े मझोले उद्योग दम तोड़ चुके हैं l उधार लेकर प्रदेश की सरकार को चलाया जा रहा है । ऐसी स्थिति में लोकतांत्रिक व्यवस्था को जारी रखना एक बड़ी चुनौती हो गई है । पूरे उत्तर प्रदेश को आतंक गढ़ बना दिया गया है । अतुल कुमार अनजान ने आगे कहा कि किसानों के समर्थन में गैर भाजपा दल अपना नैतिक समर्थन दे रहे है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने 4 से 11 अक्टूबर तक लखीमपुर खीरी की जघन्य हत्याकांड के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध दिवस बनाने का जो निर्णय लिया है उसका उन्होंने स्वागत किया ।