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शर्त हारने के बाद चार बीघा खेते देने किया इनकार, जीतने वाले ने किया ये दावा
विजय (बांए) और शेर अली (दाएं)
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) या समाजवादी पार्टी (सपा) यूपी में किसकी सरकार बनेगी? Exit Polls के आंकड़ों को लेकर मचे घमासान के बीच यूपी के बदायूं से एक दिलचस्प मामला सामने आया था, जिसमें चार बीघे जमीन की जोत दांव पर लग गई थी। बीजेपी और सपा के दो समर्थकों विजय सिंह और शेर अली के बीच लगी इस शर्त का पूरा गांव गवाह बना था और बकायदा अंगूठे का निशान लगाकर करारनामा तैयार किया गया था, लेकिन अब शेर अली अपने वादे से मुकर रहे है। अब उन्होंने विजय सिंह को खेत देने से इनकार कर दिया है। इस पर उन्होंने थाने जाकर कार्रवाई कराने की बात कही है।
बतादें कि बदायूं के शेखूपुर विधानसभा क्षेत्र का है। यहां के ककराला नगर पालिका के तहत आने वाले बिरियाडांडी गांव में छह मार्च को दो किसानों के बीच राजनीतिक भविष्यवाणी को लेकर ठीक उसी तरह बहस शुरू हुई थी जैसे किसी भी चौक-चौराहे या चाय-पान की दुकान पर किसी पार्टी की जीत हार को लेकर आमतौर पर होती है। लेकिन यहां दोनों के बीच बात इतनी बढ़ गई कि मामला पंचायत तक पहुंचा। विजय सिंह का कहना है कि भाजपा सरकार बनेगी तो शेर अली दावा कर रहे हैं कि सपा जीतने जा रही है।
इसके बाद गांव के प्रमुख लोगों को बुलाकर पंचायत लगाई गई। इस दौरान दोनों ने शर्त लगाई कि यदि बीजेपी की सरकार बनी तो शेर अली शाह अपनी चार बीघा जमीन विजय सिंह को एक साल तक खेती के लिए देंगे। वहीं, यदि सपा की सरकार बनी तो विजय सिंह को 4 बीघा जमीन एक साल के लिए शेर अली के हवाले करनी होगी।
दोनों में से कोई पक्ष मुकर ना जाए, इसके लिए गांव के प्रमुख लोग किशनपाल सेंगर, जय सिंह शाक्य, कन्ही लाल, राजाराम, उमेश, राजीव कुमार, सतीश कुमार सहित 12 लोग गवाह बने। पंचायत में करारनामा लिखा गया,
विजय सिंह के मुताबिक शर्त के अनुसार उन्होंने शेर अली को अपना चार बीघा खेत देने को कहा तो शेर अली अपने वादे से मुकर गए। उन्होंने खेत देने से इनकार कर दिया। विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि शेर अली ने धमकी दी कि चाहे वह कहीं भी चले जाएं, थाने में शिकायत कर दें लेकिन वह अपना खेत नहीं देंगे। विजय सिंह ने शेर अली के खिलाफ थाने जाकर कार्रवाई कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह शनिवार को थाने जाएंगे तभी शेर अली के खिलाफ पत्र देंगे।