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मुहब्बत के खतिर युवक हुआ कुर्बान, सुसाइड से पहले Facebook लाइव कर कहा,बाबू अपना ख्याल रखना, दवाई लेती रहना
पटना:बिहार की राजधानी पटना से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है.जहा एक प्रेमी युवक ने प्यार के खातिर ख़ुदकुशी कर ली.बताया जा रहा है कि पटना सिटी स्थित चौक थाना क्षेत्र के बाललीला गुरुद्वारा के अधीन बने एनआरआई गेस्ट हाउस के रूम नंबर-107 में फेसबुक लाइव करने के बाद एक युवक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
वजह थी कि उसका प्यार अधूरा रह गया था. जाते-जाते उसने अपनी प्रेमिका से इतना जरूर कहा कि अपना ख्याल रखना और बाबू दवाई लेती रहना.वही,घटना की जानकारी मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज भेज दिया है.पुलिस मामले की जांच में जुटी.
आपको बता दे कि, युवक की पहचान उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कादरगढ़ के रहने वाले सरदार परमजीत सिंह के रूप में की गई है. इस पूरे मामले को प्रेम-प्रसंग से जोड़कर ही देखा जा रहा है.परमजीत सिंह पर्यटक के रूप में गेस्ट हाउस में कई दिनों से ठहरा हुआ था. वह दिल्ली गुरुद्वारा में ग्रन्थि था. वहीं प्रवचन देता था. रविवार को 11 बजे दिन में ही गेस्ट हाउस में आया था. दिन भर सिमरन से मिलने का प्रयास किया. सिमरन ने मिलने से इनकार कर दिया तो जान दे दी.
पढ़ें परमजीत सिंह की सुसाइड करने से पहले फेसबुक लाइव की कुछ बातें
"मैं दुनिया में किसी चीज को नहीं हारा, लेकिन एक ही चीज है वह है मेरा प्यार जो मुझे हरा देता है. सबकुछ बढ़िया चल रहा था. मम्मी को, घर में सबको पता था. रिश्ते के लिए भी सब तैयार थे. गलती बस इतनी थी कि बीच में कुछ दिनों के लिए थोड़ी सी दूरी हो गई थी. मैंने नवंबर में कॉल किया तो कहा कि अब मैं कोई बात नहीं कर पाउंगी क्योंकि मम्मी ने फोन देख लिया है. मम्मी ने मना किया है. मैंने सोचा कि चलो कुछ नहीं, कुछ दिनों के बाद माहौल ठीक होगा, लेकिन उसके बाद उसका कोई कॉल नहीं आया. मैं दिन रात उसे फोन करता रहा. आप कॉल लिस्ट देखेंगे तो हर पांच मिनट के बाद उसे मैं कॉल करता था. उसने मेरा एक कॉल नहीं चेक किया. मैं एक तारीख को उससे मिलने के लिए गया, लेकिन वह आई ही नहीं. उसकी एक फ्रेंड प्रीति ने फोन चेक किया तो उसने कहा कि दीदी पेपर देने गई है. दस तारीख को वह आएगी तो मैं बात करा दूंगी. जब मैं दस तारीख को फोन किया तो मेरी कोई बात नहीं कराई गई."
"सबकुछ ऐसे ही चलता रहा मैं फिर भी कॉल करता रहा, समझा कि कोई ना कोई मजबूरी होती है. एक फरवरी को थोड़ी सी बात हुई. बस इतना कहा कि अपना ख्याल रखना और फोन काट दिया. उसके बाद भी मैं बात करना चाहता रहा. फिर मैं कहा कि मिलना चाह रहा लेकिन कोई बात नहीं सुनी. मैं बीच में मरने से बच गया लेकिन इसपर भी कोई कॉल नहीं आया. मैं रोज रोता रहा. मैं दूसरों को अपना हंसा हुआ चेहरा दिखा कर रोज रोता रहा. मैं उससे मिलने के लिए बहुत कुछ करता रहा. दो-दो दिन आसनसोल रहा कि चोरी-छिपे आएगी, स्कूल-कॉलेज आएगी और मिलेगी लेकिन नहीं आई. पता लगा कि वो दुर्गापुर है तो वहां गया. बस एक बार मैं उसका चेहरा देखना चाहता था. आज पता चला कि वो पटना साहिब गुरुद्वारा आई है. मैं पटना साहिब आया लेकिन उसने मुड़कर भी नहीं देखा. कोई बात नहीं की और कह दिया कि कोई रिश्ता नहीं रखना. मैं एक तुम्हें (प्रेमिका को) कहना चाहूंगा कि अपना ख्याल रखना. खुश रहना. घर बसा लेना. बहुत कुछ होगा तुम्हारे पास. पैसा, पढ़ाई-लिखाई बहुत ऊंची कर रही हो. अपनी लाइफ में खुश होकर जीना. मैं आखिरी में बस यही कहना चाहूंगा कि प्यार के चक्कर में नहीं पड़ो यार. अपनी जिंदगी संवार लो. मैं उससे बहुत प्यार करता हूं. आज भी प्यार करता हूं. आज भी और मरने के बाद भी प्यार करता रहूंगा. मेरी सिमरन को कोई कुछ नहीं कहेगा. बाबू अपना ख्याल रखना. दवाई लेती रहना."