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उत्तर-प्रदेश के जेलों से 97 कैदियों को मिलेगी अंतरिम जमानत, जानें इसकी वजह
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में यूपी की दो जेलों में बंद 97 कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। ये कैदी पिछले 20 साल से आगरा और वाराणसी की जेलों में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। अंतरिम जमानत पाए 97 कैदियों में से 65 कैदी आगरा सेंट्रल जेल, 30 कैदी वाराणसी सेंट्रल जेल और एक-एक कैदी मथुरा जिला जेल और नैनी (प्रयागराज) सेंट्रल जेल में बंद हैं.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जेके महेश्वरी की पीठ ने यह आदेश देते हुए दो रिट याचिकाओं पर नोटिस भी जारी किया। कैदियों की ओर से रिट याचिका में कहा गया था कि उन्होंने उम्रकैद की सजा, जो कि 16 वर्ष होती है काट ली है लेकिन उसके बावजूद उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आईपीसी के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार उम्रकैद की सजा 16 वर्ष होती है लेकिन उन्हें 20 साल के बाद भी जेलों से रिहा नहीं किया गया है।
गौरतलब है इससे पूर्व कोर्ट ने आदेश दिया था कि ऐसे कैदी जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा हो गई है, उन्हें जेलों से छोड़ा जाए। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इसी को नियम माना और 60 से कम उम्र के कैदियों को छोड़ने से इनकार कर दिया, चाहे वह उम्रकैद की अवधि पूरी ही क्यों न करे चुके हों।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता कैदियों के वकील ऋषि मल्होत्रा की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश जारी किया. कोर्ट ने याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता 20 साल से ज्यादा समय से जेल में हैं, इन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाए. अंतरिम जमानत पर रिहाई ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों और संतुष्टि के अधीन होगी।