आगरा

कौन दिव्या सिकरवार जिन्होंने टॉप किया UPPCS

Shiv Kumar Mishra
8 April 2023 3:38 AM GMT
कौन दिव्या सिकरवार जिन्होंने टॉप किया UPPCS
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आगरा जिले के एतमादपुर की रहने वाली दिव्या सिकरवार यूपी की टॉपर बनी है।

लखनऊ : यूपीपीसीएस में इस बार बेटियों ने टॉपर की सूची में परचम लहाराया है. अब यूपीपीएससी की पीसीएस (UPPCS Result 2022) की मुख्य परीक्षा के नतीजे का ऐलान हो चुका है. टॉप-10 में आगरा (Agra) की दो बेटियों ने जगह बनाई है. पहली रैंक आगरा की दिव्या सिकरवार (Divya Sikarwar) ने हासिल की है और 9वें स्थान पर एश्वर्या दुबे ने जगह बनाई है. पीसीएस परीक्षा में टॉप करने के बाद दिव्या के परिवार में जश्न का माहौल है. पिता, बेटी की सफलता के बाद पूरी तरह से गदगद नजर आ रहे हैं.

यूपीपीसीएस मेन्स एग्जाम 27 सितंबर से 01 अक्तूबर, 2022 तक लखनऊ, गाजियाबाद और प्रयागराज जिलों के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर हुआ था. इसमें कुल 1071 अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसमें से 364 अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है.


कौन हैं दिव्या सिकरवार?

दिव्या सिकरवार आगरा की तहसील एत्मादपुर के गांव रामी गढ़ी की रहने वाली हैं. उनके पिता राजपाल सिक्रवार आर्मी से रिटायर्ड हैं. दिव्या ने आगरा के सेंट जॉन्स कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरी किया है और आरबीएस कॉलेज से बीएड कर रही हैं. उन्होंने अपनी तैयारी की शुरुआत कोरोना काल में शुरू की थी.

टॉप करने के बाद दिव्या ने क्या कहा?

दिव्या ने बताया कि यह उनका तीसरा प्रयास था, इससे पहले वह दो बार परीक्षा दे चुकी थीं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी थी. दिव्या ने आगे बताया कि टॉप करने की उम्मीद नहीं थी लेकिन सेलेक्शन होने के लिए पूरा यकीन था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अपनी सर्विस के दौरान वो पूरी ईमानदारी से जनता की सेवा करेंगी. दिव्या से जब पूछा गया कि UPPCS की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को वो क्या सलाह देना चाहोगी, तो दिव्या ने कहा कि अपने लक्ष्य पर फोकस रखना चाहिए

"दो साल से कमरे में बंद थी दिव्या"

बेटी की सफलता पर पिता राजपाल सिक्रवार ने कहा कि मैं बहुत खुश हूंं, मेरे घर परिवार और क्षेत्र में काफी खुशी का माहौल है. बेटी ने बहुत मेहनत की और उसका नतीजा आपके सामने है. मैंने बेटे और बेटी में कभी फर्क नहीं समझा. पढ़ाई और पालन-पोषण में सबके लिए बराबर किया. मेरी बेटी का बचपन से ही पढ़ाई में मन लगता था. वो लगातार दो साल से कमरे में बंद थी. आज उसकी पढ़ाई रंग लाया.

राजपाल सिक्रवार, दिव्या के पिता

उन्होंने आगे बताया कि दिव्या को पूरे परिवार का सपोर्ट था, सफलता का पूरा श्रेय उसकी मां को जाता है. उसकी मां उसके साथ रात-रात भर बैठकर हेल्प करती थी. कई बार तो ये कहती थी कि घंटा-दो घंटा आराम कर लो लेकिन उसको लगन लग गई थी और आज सफलता उसके हांथ लगी.

"दिव्या से बहुत उम्मीद थी"

जितेंद्र सिक्रवार के शिक्षक ने कहा कि दिव्या को सभी विषय अच्छे लगते थे, वो बहुत मन से पढ़ती थी. हमें बहुत अच्छा लग रहा है. हमें इससे बहुत उम्मीद थी कि दिव्या बहुत आगे जाएगी और आज उसने इस बात को सिद्ध कर दिया है.

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