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- जिस Tajmahal पर हुआ है...
पिछले कुछ दिनों से मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थान और ज्ञानवापी मस्टिद की तरह ताज महल को लेकर भी सियासी और धार्मिक विवाद चरम पर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई को ताज महल के मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुए याचिकाकर्ता व भाजपा नेता रजनीश सिंह को बड़ा झटका दिया। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ताज महल में बंद 22 कमरों को खोलने और फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की जांच की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
इतना ही नहीं, याची को फटकार लगाते हुए अदालत ने कहा कि Taj mahal के कमरों को खोलने के संबंध में याचिका दायर करने के लिए ऐतिहासिक शोध जरूरी है। इस मसले को इतिहासकारों पर छोड़ देना चाहिए।
दूसरी तरफ दुनिया के सात अजूबों में शुमार और पवित्र प्यार के प्रतीक ताजमहल का दीदार करना अन्य इमारतों के मुकाबले सबसे महंगा होने के बावजूद ताज देखने के लिए हर साल लगभग 60 लाख देसी-विदेशी पर्यटक आते हैं। बहुत कम लोगों को पता है कि ताज महल से सरकार कितना पैसा कमा रही है? यदि आप नहीं जानते हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं। सरकार इससे हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए कमाती है, जबकि सरकार का इस पर खर्च बहुत कम है।
वित्तीय वर्ष 2016-17 में 49 करोड़ 67 लाख 89 हज़ार 740 रुपए का राजस्व मिला था। 2017-18 में 56 करोड़ 83 लाख 6 हज़ार 551 रुपए की की आमदनी हुई थी। 2018-19 में 81 करोड़ 95 लाख 46 हज़ार 355 रुपए का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ। 2019-20 में 1 अरब 6 करोड़, 82 लाख 88 हज़ार 915 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ। 2020-21 कोरोना महामारी की वजह से कमाई बहुत कम हुई। 2021-22 में ताज महल से आय के संकेत फिर से पटरी पर लौटने के मिले हैं। साल 2021 में 1.3 मिलिया यानि 12 लाख घरेलू पर्यटकें का दीदार किया।