अलीगढ़

अलीगढ़ एनकाउंटर पर जारी है मुठभेड़, सुपरकॉप अजय ने तोड़ा देशविरोधी ताकतों को अलीगढ़ कनेक्शन!

Special Coverage News
26 Sep 2018 3:27 PM GMT
अलीगढ़ एनकाउंटर पर जारी है मुठभेड़, सुपरकॉप अजय ने तोड़ा देशविरोधी ताकतों को अलीगढ़ कनेक्शन!
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लखनऊ। देश का 55 वां सबसे बड़ा शहर अलीगढ़ प्रख्यात कवि गोपल दास नीरज की सरजमीं जहां देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक संस्थान है. सूबे समेत देश की राजनीति में सशक्त दखल रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और प्रसिद्व इतिहासकार मोहम्मद हबीब जैसे लोगों के लिये जाना जाता है लेकिन पिछले 72 घंटे से ये जिला '' एनकाउंटर '' को लेकर चर्चा के केन्द्र में है. दरअसल गुरुवार की सुबह एक मुठभेड़ में वहां के बड़े कप्तान और यूपी में सुपर कॉप का खिताब पा चुके 2009 बैच के आईपीएस अजय कुमार साहनी की अगुवाई में पुलिस की टीम ने 25-25 हजार के दो इनामी बदमाशों क्रमशः नौशाद- मुस्तकीम को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. मुठभेड़ के 24 घंटे के अंदर ही इसको लेकर पुलिस पर और खासकर बड़े कप्तान अजय कुमार साहनी कुछ खास लोगों के निशाने पर आ गये. पूर्व विधायक जमीरउल्लाह और पूर्व सांसद बिजेन्द्र सिंह ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और सवाल खड़े किये. ठीक है कि ये जनता के प्रतिनिधि है और उनकी आवाज को उठाना इनका अधिकार है, लेकिन क्या सदैव पुलिस पर सवाल खड़े करने के लिये. पुलिस वाले की शहादत पर क्यों नहीं कोई आवाज उठती है ? कुछ दिनों पूर्व शामली में शहीद हुए अंकित तोमर को लेकर कोई सामने क्यों नहीं आया कि उसके शहीद होने के बाद उसके परिवार का क्या हाल है ?


सबसे पहले बात पुलिस की, इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम से इतर अपने और अपनी टीम की कार्यप्रणाली को पूरी तरह से सही ठहराते हुए एसएसपी अजय कुमार साहनी ने बताया कि मुस्ताक और नौशाद 2007 से अपना गैंग चला रहे थे. इनपर ब्लाक प्रमुख की हत्या से लेकर कल्याण सिंह के रिश्तेदार दंपति सहित, 3 साधुओं की हत्या से लेकर दर्जनों लूट और हत्या के मामले में शामिल रहे है. इन एक के बाद एक हो रहे हत्याओं से स्थानीय लोगों के जेहन में भय व्यापत हो गया था. सबसे अहम बात ये कि अलीगढ़ इनका मूल ठिकाना नहीं है. पुलिस की शुरुआती जांच में जो बात सामने आयी है उससे इनका बांग्लादेशी कनेक्शन सामने आ रहा है जिसको लेकर सुरक्षा एजेंसी भी सर्तक है और उस दिशा में काम कर रही है. इन दोनों के वोटर कार्ड भी बने है, जिसको लेकर सवाल खड़े हो रहे है.


सवाल कुछ भी खड़े हो लेकिन इन दोनों एनकाउंटर के बाद पुलिस का मनोबल ऊंचा करने में वहां के लोगों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. विभिन्न संगठन के लोगों ने बड़े कप्तान का स्वागत किया है.


पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर इस पूरे प्रकरण पर तरह तरह की खबरें वॉयरल हो रही थी. एक खबर ये भी चली की डीजीपी अलीगढ़ की घटना पर नाराज, एसएसपी को पूरी टीम के साथ किया तलब. बाद में जब इस बावत ने पड़ताल किया तो पता चला कि ये फर्जी खबर थी जिसको डीजीपी के नाम से वॉयरल की जा रही थी.


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीजीपी साहब ने अलीगढ़ के बड़े कप्तान की पीठ थपथपाई है और देश की कानून से खिलावड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है. यहीं नहीं खुफिया एजेंसी भी एसएसपी अलीगढ़ के लगातर संपर्क में है और मारे गये अपराधियों के बाहरी कनेक्शन की जड़े खंगालने में जुटी है. सूत्र बताते है कि ये लोग सरकार की जड़े खोदने में जुटे थे.


डा. प्रीतींदर सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक, अलीगढ़ रेेंज ने कहा

पुलिस जो भी काम करती है वो कानून के हिसाब से करती है. सोशल मीडिया या अन्य किसी भी प्लेटफार्म पर कौन क्या कह रहा है इसके लिये वो स्वतंत्र है. रही बात मुठभेड़ की तो इसके लिये कानूनी तौर पर जो भी मजिस्ट्रेटियल जांच व अन्य प्रक्रिया है उसको किया जायेगा और सच सबके सामने आ जायेगा. एसएसपी के लखनऊ जाने या डीजीपी द्वारा तलब किये जाने पर उन्होंने कहा कि शासन पर कई काम होते है और वो क्यों गये थे या किस काम से गये थे ये तो वहीं बतायेंगे ''


अजय कुमार साहनी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अलीगढ़ ने कहा

हत्यारों के साथ और पुलिस पर गोली चलाने वालों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जायेगी. देश और अपने प्रदेश को बचाने के लिये कानूनी रुप से जो सही होगा वो किया जायेगा. हमे शपथ याद है और वर्दी पहनते वक्त जो शपथ लिया था उसका अनुपालन करेंगे. ये सभी आरोपी गंभीर आरोप में लिप्त थे, सजायाफता भी थे, इनका बंग्लादेशी कनेक्शन सामने आ रहा है. देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरा पैदा करने वालों के साथ पुलिस कोई नरमी नहीं बरतेगी. जिले में किसी तरह का अपराध वर्दाश्त नहीं होगा. हम जिले में कानून व्यवथा से खिलवाड़ करने वाले अपराधियों के साथ हमेशा सख्ती से पेश आया जाएगा.

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