अलीगढ़

भारतीय इतिहास का अज़ीम मर्दे मुजाहिद सर सैयद अहमद खान

Majid Ali Khan
17 Oct 2018 6:33 AM GMT
भारतीय इतिहास का अज़ीम मर्दे मुजाहिद सर सैयद अहमद खान
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दूर फलक में उड़ने को बेताब ये ज़िद्दी परिंदा है

अब तो यारों मेरे आगे हर मुश्किल भी शर्मिंदा है

और होंगी ज़िंदा लोगो में अदाएं ज़माने की

लेकिन मेरी रूह में यारों अभी भी सैयद ज़िंदा है

अभी भी सैयद ज़िंदा है, अभी भी सैयद ज़िंदा है.

१७ अक्टूबर जिसे पूरे हिन्दुस्तान में सर सैयद डे के तौर पर हिन्दुस्तान ख़ुशी के साथ मना रहा है. हिन्दुस्तान के इतिहास की ये अज़ीम शख्सियत जिसे लोग सर सैयद खां के नाम से जानते हैं. सर सैयद की महानता को क़बूल करना पूरे हिंदुस्तान के लिए ज़रूरी है वह इसलिए की सर सैयद ने एक नया रास्ता देशवासियो को दिखाया था जिसमे आधुनिक शिक्षा के बिना तरक़्की नामुमकिन थी. हिन्दुस्तान पर अंग्रेज़ो की हुकूमत क़ायम होने के बाद देश में एक अजीब सी बदहवासी की हालत थी. लोग मुग़ल हुकूमत की जगह अँगरेज़ हुकूमत को स्वीकार नहीं कर पा रहे थे और अंग्रेज़ो से निजात पाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे थे. दिल्ली से लेकर दूर दूर ताज अंग्रेज़ो के खिलाफ जनता बगावत करना चाहती थी. खास तौर से मुसलमानो पर हुकूमत की तब्दीली किसी मुसीबत से कम नहीं थी. इस वक़्त में सर सैयद जैसे मुजाहिद ने आधुनिक तालीम के लिए जिहाद किया और अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया और लोगो को बता दिया की अगर इन अंग्रेज़ो से मुक़ाबला करना है तो आधुनिक तालीम को हासिल करना होगा. सर सैयद मुग़ल दरबार के बहुत सम्मानित व्यक्ति थे. अपना ऐशो आराम और धन दौलत छोड़ कर एक फ़क़ीर की तरह निकल पड़े इसी धुन में की एक संसथान ऐसा क़ायम किया जाये जिसमे आधुनिक शिक्षा लोगो दी जा सके और अंग्रेज़ो से मुक़ाबला किया जा सके. लक्ष्य मुश्किल था. मुस्लिम समाज किसी भी सूरत ऐसी शिक्षा हासिल नहीं करना चाहते थे जिसमे मज़हब न हो. सर सैयद के खिलाफ मज़हबी लोगो ने तूफ़ान खड़ा कर दिया लेकिन इस मर्दे मुजाहिद के क़दम नहीं लड़खड़ाए और अलीगढ में एक मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कालेज के नाम से १८७५ में क़ायम किया. जो आगे चलकर १९२० में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से मशहूर हुआ, इस विश्विद्यालय का नाम दुनिया के अच्छे विश्विद्यालयों में शुमार किया जाता है.

सर सैयद का ख्वाब था लोगो को आधुनिक शिक्षा दिलाना जो वक़्त की अहम् ज़रूरत थी. लेकिन अफ़सोस की बात ये हैं की आज सर सैयद की तमाम कोशिशों का नतीजा अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय को जिस प्रकार राजनीती का निशाना बनाया जा रहा है बेहद दुःख की बात है. अलीगढ मुस्लिम विश्विद्यालय ने देश को एक से बढ़ कर एक हर क्षेत्र के माहिर लोग दिए लेकिन आज जिस प्रकार उस पर एक विशेष के लगो द्वारा निशाना साधा जा रहा है उससे सर सैयद की आत्मा कितनी बेचैन होती होगी. आज सभी देशवासियो की ज़िम्मेदारी है की वह सर सैयद के मिशन को आगे बढ़ाएं और देश को आधुनिक शिक्षा में पूरी दुनिया में विशेष स्थान दिलाएं. स्पेशल कवरेज न्यूज़ समूह सर सैयद डे पर देशवासियो को हार्दिक शुभकामनाएं देता हैं.


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