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उधर मायावती दे रही थी अलीगढ़ में भाषण, इधर चुनाव आयोग ने लगाई भाषण पर रोक और फिर क्या हुआ आगे!
लोकसभा चुनाव 2019 के दूसरे चरण का प्रचार अभियान जोरों पर है. इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को अलीगढ़ में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उधर दूसरी तरफ 'मुस्लिम वोट' बयान मामले में चुनाव आयोग ने आचार संहिता उल्लंघन का दोषी मानते हुए मायावती पर 48 घंटे तक प्रचार अभियान में रोक लगा दी है।
अलीगढ़ में अपने भाषण मायावती ने कहा कि बीजेपी की केंद्र में सरकार रही, गलत कार्यप्रणाली की वजह से इस बार सत्ता से बाहर चली जाएगी। इस चुनाव में इनकी कोई भी नाटकबाजी और जुमलेबाजी काम में आने वाली नहीं है. खासकर इनकी ये चौकीदारी की नई नाटकबाजी भी इनको बचा नहीं पाएगी।
चुनाव आयोग ने भड़काऊ भाषण देने के मामले में कठोर कदम उठाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है। इन दोनों पर यह प्रतिबंध मंगलवार सुबह 6 बजे से लागू होगा। योगी पर आयोग ने 72 घंटे की रोक लगाई है जबकि मायावती पर 48 घंटे की रोक लगाई गई है।
योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में 'अली' और 'बजरंग बली' वाली एक सांप्रदायिक टिप्पणी की थी जबकि मायावती ने पहले चरण के चुनाव प्रचार में देवबंद में मुसलमानों को एक पार्टी विशेष को वोट देने से मना किया था। इन दोनों टिप्पणियों के खिलाफ एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी।
आयोग ने जब कोई कार्रवाई नहीं की तो सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आयोग के एक आला अफसर को समन किया और कहा कि निर्वाचन पैनल के अधिकारों की कोर्ट समीक्षा करेगा। आयोग के अधिकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि आयोग के अधिकार सीमित हैं और वह नेताओं को प्रतिबंधित नहीं कर सकता है।
अदालत ने इस पर तल्ख टिप्पणी करते हुए आयोग से कहा कि उसे ऐसी टिप्पणियों पर कार्रवाई करनी होगी। इससे पहले आयोग ने मायावती और योगी को उनके नफरत भरे बयानों के लिए केवल नोटिस जारी की थी।