"पानी पी खाना खा चाँद देखकर घर चल", और आईपीएस अधिकारी राजेश पाण्डेय हो गये भावुक
यह घटना अलीगढ़ जिले की है। जिस जिले के पुलिस कप्तान की कमान आईपीएस अधिकारी राजेश पाण्डेय सम्भाले हुए है। निकाय चुनाव के दौरान एक बूथ पर पहुंचकर स्कूल को देखकर भावुक हो गये। और फिर पूरी कहानी को इस प्रकार लिख डाला।
अलीगढ़ से लगभग 50 कि0मी0 की दूरी पर कस्बा छर्रा, मौहल्ला सोनाराम में जीर्ण-क्षीण, दयनीय भवन में चल रहा प्राथमिक कन्या पाठशाला हाईस्कूल,की कक्षा सातवीं की, एक कक्षा में ब्लैक बोर्ड पर अध्यापिका ने यह वाक्य लिख रखा था, जिसे देखकर मैं हैरत में पड गया । इसे देखकर प्राथमिक विद्यालयों की दुर्दशा का एक चित्र स्वतः ही मेरे मस्तिष्क में आ गया । कौतुहलवश मैं कक्षा के भीतर प्रवेश कर गया, ब्लैक बोर्ड की लिखावट देखी तो उसमें *पानी* के नीचे एक तीर बना हुआ, नीचे लिखा हुआ *पानीपत* का युद्ध-1526, *खाना* के नीचे एक तीर बना हुआ, उसके नीचे लिखा हुआ *खानवा* का युद्ध-1527, *चाँद* के नीचे एक तीर बना हुआ, नीचे लिखा हुआ *चन्देरी* का युद्ध-1528, अन्त में *घर* के नीचे तीर बना हुआ, *घाघरा* का युद्ध-1529 ।
यहां यह बताना समीचीन है कि मैं और जिला मजिस्ट्रेट श्री हृषिकेश भास्कर यशोद स्थानीय नगर निकाय चुनावों के दृष्टिगत छर्रा कस्बे की नगर पंचायत के लिये होने वाले मतदान हेतु निर्धारित मतदान केन्द्रों का निरीक्षण करने छर्रा गये थे। इस स्कूल में घुसते ही जर्जर भवन की दुर्दशा, बिना खिड़की दरवाजे की कक्षायें, कच्ची जमीन देखकर जिला मजिस्ट्रेट ने प्रधानाचार्य से कई सवाल पूछे और प्रधानाचार्य ने यह बताया कि पिछले 27 वर्षो से इस कन्या पाठशाला की बिजली कटी हुई है तो वहां खड़े सभी अधिकारी स्तब्ध रह गये ।डी एम ने तुरन्त बिजली कनेक्शन जोडऩे के आदेश दिये ।