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साधु-संतों को अब सुप्रीम कोर्ट के जजों के घर हल्ला बोल देना चाहिए: इंद्रेश कुमार
अलीगढ़। नागपुरिया आईडियोलोजी देश को कहाँ ले जाना चाहती है और उसका लक्ष्य क्या है यह अब देशवासियों समझ लेना चाहिए जिस तरीक़े से आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार ने एक बार फिर राम मंदिर निर्माण पर विवादित बयान देते हुए साधु संतों को उकसाते हुए कहा है कि साधु-संतों को अब सुप्रीम कोर्ट के जजों के घरों पर हल्ला बोल देना चाहिए।इसका क्या अर्थ निकाला जाए आप खुद ही समझ ले तो बेहतर है।अलीगढ़ में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि साधु-संतों को राम मंदिर मामले की सुनवाई करने वाले जजों के घर हल्ला बोल देना चाहिए।बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट के जजों को लेकर इंद्रेश कुमार टिप्पणी कर चुके हैं।
अलीगढ़ के डीएस कॉलेज में हुए 'भारत की एकता व अखंडता के समक्ष चुनौतियां' कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, आमिर खान को भी निशाने पर लिया।इंद्रेश कुमार ने यहां नवजोत सिंह सिद्धू की तुलना जयचंद से की,जबकि नसीरुद्दीन शाह और आमिर खान की तुलना मीर जाफर से की।उन्होंने कहा कि हमें देश में कसाब, याकूब और इशरत जहां जैसे मुसलमान नहीं चाहिए,हम चाहते हैं कि कलाम के रास्ते चलने वाले मुसलमान हों।लेकिन यह नही कहा कि नाथूराम गोड़से जैसे हिन्दू भी नही चाहिए।राम मंदिर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मामले को टालने की मुख्य जिम्मेदार कांग्रेस है, उनके बाद लेफ्ट,कट्टरपंथी ताकतें और जज भी जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि संतों को कांग्रेस,लेफ्ट, सुप्रीम कोर्ट के जजों के घर पर धरना देना चाहिए। सवाल यह उठता है कि जब राम मन्दिर के रथ पर सवार होकर आप सत्ता में आए तो संत समाज को आपके घरों पर धरना क्यों नही देना चाहिए प्रधानमंत्री आवास पर धरना क्यों नही देना चाहिए ? संघ नेता ने अपील करते हुए आगे कहा कि सरकार इस मसले पर कानून बनाने के लिए संसद में बहस करे अन्यथा अध्यादेश लाकर जल्द राम मंदिर का निर्माण करवाए।आपको बता दें कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है.सुप्रीम कोर्ट में 29 जनवरी को मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस बोबडे के छुट्टी पर जाने के कारण मामले की सुनवाई टल गई।अभी ये भी तय नहीं हुआ है कि अगली सुनवाई कब होगी सुनवाई टलने के बाद से ही स्वयंभू संघ समर्थित संत समाज में रोष बताते है,ऐसे ही संतों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट को जल्द से जल्द मामले की सुनवाई करनी चाहिए।
इसके अलावा देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि ये मामला पिछले काफी समय से लटका हुआ है,ऐसे में जल्द से जल्द इसका निपटारा करें।संघ व उसके समर्थित संत कांग्रेस को मन्दिर की राह का रोड़ा बताकर अपनी ज़िम्मेदारी से भागती आ रही है जबकि यह सही नही है कांग्रेस ने राम मन्दिर के लिए जो कुछ किया है वह सब जानते है ताला खुलवाने से लेकर मस्जिद शहीद कराने तक का काम किसने किया क्या इसमें संघ का कोई योगदान है अगर कांग्रेस न चाहती तो क्या यह सब हो पाता और अगर सब कुछ कांग्रेस को ही करना है तो संघ या उससे जुड़े बयान वीरों का क्या काम है आ जाने दीजिए कांग्रेस को वह राम मन्दिर भी बनवाकर दिखा देगी यह देश और दुनिया देखेगी जैसे उसने पहले किया है कि पता नही चलने दिया और काम करती रही।नागपुरिया सोच तो सिर्फ़ लोगों को लड़ाना जानती है और कांग्रेस विजन पर काम करती है।ये लोग इसी तरह लोगों का ध्यान बाँटते रहेंगे पर काम कुछ नही करेगे ऐसा ही लगता है।