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मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का फिर जागा जिन्ना प्रेम, जिन्ना स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, बीजेपी हैरान
लखनऊ: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पाकिस्तानी संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बसपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एकबार फिर से जिन्ना को लेकर विवादित बयान दिया है.
अंबेडकर नगर में एक कार्यक्रम में पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताया. उन्होंने कहा कि मोहम्मद अली जिन्ना स्वतंत्रता संग्राम का नायक था. मौर्य ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में जितना योगदान महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल का था उतना ही योगदान मोहम्मद अली जिन्ना का भी था. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान के बाद एकबार फिर से जिन्ना विवाद को हवा मिल गई है. अपने पिछले बयान को लेकर उन्होंने मीडिया को निशाने पर लिया.
उन्होंने कहा कि मीडिया ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया. अपने पहले के बयान पर सफाई देते हुए मौर्य ने कहा कि मैंने जिन्ना को कभी भी देश का महापुरुष नहीं बताया है. लेकिन, उन्होंने फिर से जिन्ना की तुलना गांधी, नेहरू और पटेल जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों से कर दी. मौर्य ने कहा कि आजादी से पहले जिस तरह से गांधी जी, नेहरू जी और सरदार पटेल स्वतंत्रता सेनानी थे, उसी तरह से जिन्ना भी स्वतंत्रता सेनानी थे. देश बंटवारे के समय विभाजन के मसौदे पर जहां जिन्ना के हस्ताक्षर हैं, वही नेहरू और सरदार पटेल के भी हस्ताक्षर हैं. अपने पुराने बयान पर उन्होंने फिर से सफाई दी और कहा कि मैंने जिन्ना को कभी भी महापुरुष नहीं कहा. लेकिन, देश के विभाजन से पहले अगर जिन्ना की तस्वीर कहीं लगी है तो, अब उसे हटाने का कोई मतलब नहीं बनता है.
सपा-बसपा गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि यह गठबंधन मुद्दा विहीन है, मौका परस्त है. मौर्य ने कहा कि दोनों पार्टियां अपना अस्तित्व बचाने के लिए एकसाथ आए हैं. जनता इस गठबंधन को किसी हाल में स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि जब तक हम जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर जनता के बीच नहीं जाएंगे, जनता कभी स्वीकार नहीं करेग. यही वजह है कि कांग्रेस, सपा और बसपा लगातार पिटते चले आ रहे हैं और आगे भी वे इसी तरह से पिटे हुए साबित होंगे.