अमेठी

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने तत्कालीन एसपी, कोतवाल और क्राइम ब्रांच के निरीक्षक समेत तीनों के खिलाफ केस दर्ज करने के दिए आदेश

Shiv Kumar Mishra
17 May 2023 5:52 PM GMT
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने तत्कालीन एसपी, कोतवाल और क्राइम ब्रांच के निरीक्षक समेत तीनों के खिलाफ केस दर्ज करने के दिए आदेश
x
इस के चलते पुलिस महकमें में हड़कंप मचा हुआ है।

एसपी सहित तत्कालीन कोतवाल अमेठी उमाकांत शुक्ला व क्राइम ब्रांच निरीक्षक परशुराम ओझा के खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायाधीश जय प्रकाश पांडेय की अदालत ने मुकदमा लिखने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है।

बुधवार को कोर्ट ने तीनो के खिलाफ केस पंजीकृत कर विस्तृत जांच का आदेश दिया है। आदेश की प्रति मुख्य सचिव (गृह), आईजी लखनऊ व डीआईजी अयोध्या को भेजने का आदेश भी पारित किया है। अमेठी पुलिस अधीक्षक इलामारन जी वर्तमान में क्राइम ब्रांच में तैनात निरीक्षक उमाकांत शुक्ला व परशुराम ओझा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चार लोगों की हुई जघन्य हत्या के केस में नियमों की धज्जियां उड़ाई गई थी।

हत्या कांड में नीचे से ऊपर तक के पुलिस अफसरों की मिलीभगत से जमकर तफ्तीशी का खेल हुआ था। सुनवाई के दौरान पुलिस का कारनामा देखकर जज साहब का माथा ठनक गया। पुलिसिया खेल पर संज्ञान लेते हुए जिला जज जयप्रकाश पांडेय ने कड़ी टिप्पड़ी करते हुए आदेश जारी किया। चार्ज पर सुनवाई के दौरान तीन अभियुक्तों की तरफ से पड़ी डिस्चार्ज अर्जी को खारिज करते हुए कोर्ट ने आरोप विरचित करने के लिए 19 मई की तारीख नियति की है।

अमेठी कोतवाली क्षेत्र के पूरे तिवारी मजरे गुंगवांछ गांव में 15 मार्च 2022 को लाठी-डंडों और सरिया से हमला कर एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या की गई थी। अभियोगी अमरजीत यादव ने मामले में राम दुलारे यादव, उनके पुत्र अखिलेश यादव, बृजेश यादव, अभिषेक यादव उर्फ छोटू एवं मौजूदा ग्राम प्रधान आशा तिवारी व उनके पति राम शंकर तिवारी व पुत्र नितिन तिवारी के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में नामजद अमेठी कोतवाली में मुदकमा दर्ज कराया था।

तफ्तीश के दौरान तत्कालीन अमेठी कोतवाल ने सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ हत्या सहित अन्य आरोपों में भेजी थी। चार्जशीट और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ विवेचना जारी रखी थी। जिसके बाद तफ्तीश विवेचक ने मनमानी तफ्तीश कर प्रधान पति रामशंकर तिवारी को क्लीन चिट देते हुए सीजेएम कोर्ट में प्रेषित की थी। 169 सीआरपीसी की रिपोर्ट और इसी आधार पर कोर्ट से रामशंकर तिवारी की रिहाई के लिए मांग की थी। विवेचना के दौरान बरती गई लापरवाही के लिए कोर्ट ने तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश पारित किया है। जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है।

Next Story