- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- अमरोहा
- /
- नहीं चली...
नहीं चली हिन्दू-मुस्लिम तुष्टिकरण राजनीति, सलीम बने प्रधान, बीजेपी अमरोहा जिलाध्यक्ष के भाई ग्राम पंचायत चुनाव हारे
अमरोहा : ग्राम पंचायत बांसली में करीब 25 साल बाद फिर इतिहास रचा गया । यहां 25 साल पहले एक मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव लड़े थे नाम था- मेहदी। जिन्हे अप्रत्याशित जीत हासिल हुई थी।
एक वो समय था और आज का समय है जब गाँव वालो ने हिन्दू-मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वालो के मुँह पर लांछन लपेटी है। बांसली ग्राम पंचायत में इस बार ओबीसी में सीट निर्धारित थी, जिसके लिए एक तरफ जाट नेता और भाजपा जिलाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के भाई सतेंद्र सिंह ने पर्चा दाखिल किया था, वही एक मध्यमवर्गीय परिवार के प्रत्याशी सलीम सैफी अपनी नेक ,ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ मैदान में आए थे।
पचदेवला गाँव के साथ मिलकर बांसली ग्राम पंचायत में कुल मतो की संख्या 816 है। जिसमें 125 वोट मुस्लिमो के और अन्य सब हिन्दू वोट हैं, गौरतलब बात है कि स्थानीय लोगों ने हिन्दू-मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वालो को आइना दिखा दिया। 19 अप्रैल को 695 वोट डले थे। जिसमें सलीम सैफी को 393 और सतेंद्र सिंह को 303 मत प्राप्त हुए। परिणाम स्वरूप सलीम सैफी 88 मतो से विजयी हुए, जबकि 20 वोट कैंसिल हुए। चुनाव प्रचार के दौरान सतेंद्र सिंह ने मुस्लिम प्रत्याशी होने के नाते खूब नफरत फैलायी थी, लेकिन आखिरकार धर्म विजयी हुआ।
प्रत्यक्ष मिश्रा ( स्वतंत्र पत्रकार )