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एनआरसी के ख़िलाफ़ बोलने पर मायावती ने कुंवर दानिश अली को अपमानित किया था- शाहनवाज़ आलम
अमरोहा। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने बसपा और सपा पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रियंका गांधी और कांग्रेस को मुसलमानों और सभी वर्गों की आवाज़ उठाने वाला बताया है।
कांग्रेस शहर कार्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शाहनवाज़ आलम ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने एनआरसी के ख़िलाफ़ संसद में भाषण देने के कारण अमरोहा के सांसद कुंवर दानिश अली को संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया था। ये सिर्फ़ दानिश अली का अपमान नहीं था बल्कि अमरोहा और पूरे देश के मुसलमानों का अपमान था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमानों को नहीं भूलना चाहिए कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव जी ने संसद में मोदी के दुबारा प्रधानमंत्री बनने की दिली ख्वाहिश ज़ाहिर की थी। वहीं जब अखिलेश यादव जी के संसदीय क्षेत्र आज़मगढ़ में एनआरसी के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रही मुस्लिम महिलाओं पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया था तब भी अखिलेश उनसे मिलने नहीं गए और ना ही आज़म खान के मुद्दे पर सपा ने कोई आंदोलन चलाया।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों को याद करना चाहिए कि जब वो कांग्रेस को एकमुश्त वोट दिया करते थे तब भाजपा के सिर्फ़ दो सांसद होते थे और कांग्रेस राजस्थान में बरकतुल्ला खान, बिहार में अब्दुल ग़फ़ूर, महाराष्ट्र में अब्दुल रहमान अंतुले, आसाम में सय्यद अनवरा तैमूर और पॉन्डिचेरी में हसन फारूक को मुख्यमंत्री बनाती थी। लेकिन सपा अपने आज़म खान जैसे कद्दावर नेता के जेल भेज दिए जाने पर भी ख़ामोश रहती है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि एनआरसी के ख़िलाफ़ न सिर्फ़ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी दिल्ली के इंडिया गेट पर धरने पर बैठीं बल्कि आज़मगढ़, बिजनौर, मुज़फ्फरनगर में खुद सरकारी दमन के शिकार लोगों से जाकर मिलीं।
एनआरसी का विरोध करने के कारण 17 दिनों तक जेल में रहने वाले अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन ने कहा कि अब वक़्त आ गया है कि मुसलमान सपा बसपा के संघ से मिले होने की हक़ीक़त हो समझे और प्रियंका गांधी जी के नेतृत्व में लोकतंत्र और संविधान बचाने की लड़ाई लड़े। प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज़िला अल्पसंख्यक कांग्रेस चेयरमैन साजिद अली चौधरी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष परवेज़ आरिफ टीटू, हसन आरिफ़ अंसारी, अल्पसंख्यक कांग्रेस शहर चेयरमैन शाहिद उस्मानी मौजूद रहे।