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अमरोहा में पिता ने नाबालिग बेटी को किया गर्भवती, पुलिस की सख्त पैरवी से बेटी को मिला इंसाफ, कोर्ट ने 14 दिन में दी उम्रकैद की सजा
उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा से एक ऐसी खबर सामने आई जो सुकून देने वाली है, दरअसल, पिता पुत्री की पवित्र रिश्ते को शर्मसार करने वाले दोषी को उम्र कैद की सजा मिली है जो कि महज 5 दिनों में 11 घंटे की सुनवाई में हुई. सुनवाई के आखिरी दिन सिर्फ आधे घंटे में पीड़ित बेटी को इंसाफ और दुष्कर्मी को सजा के मुकाम तक पहुंचा दिया जिसमें एसपी विनीत जायसवाल की भूमिका अहम रही. अमरोहा पुलिस की ओर से दाखिल किए गए 100 पेज के आरोपपत्र ने इस मामले में अहम भूमिका निभाई है.
विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने बताया कि दोषी ने पिता पुत्री के पवित्र रिश्ते को शर्मसार करते हुए समाज की दृष्टि से गंभीर अपराध किया है इस मामले में 14 जून की रात को दोषी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. केस दर्ज होने से लेकर सजा का ऐलान होने तक पुलिस और न्यायिक कार्रवाई केवल 14 दिन में पूरी हुई. मुकदमे के विवेचक कर्मपाल सिंह राणा ने 6 दिनों के भीतर 100 पेज का आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था इसके बाद 23 से 27 जून तक न्यायालय ने मुकदमे में करीब 11 घंटे सुनवाई की और बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष को सुना. इसके बाद मंगलवार को न्यायालय ने आखिरी सुनवाई करते हुए साक्ष्य और सबूत के आधार पर केवल 30 मिनट में पिता को दुष्कर्म का आरोपी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई साथ ही 53000 का जुर्माना भी लगाया.
किशोरी के भाई ने अपने पिता के खिलाफ तहरीर दी.
इस मामले में पुलिस को दी गई तहरीर के मुताबिक, भट्टा मजदूर ने परिजनों की अनुपस्थिति में करीब 8 माह पहले 14 वर्षीय बेटी को हवस का शिकार बनाया था डरा धमका कर उसके साथ बाद के दिनों में भी मनमानी करता रहा. 11 जून को किशोरी की तबीयत बिगड़ी तो परिजनों ने डॉक्टर की सलाह पर किशोरी का अल्ट्रासाउंड कराया. जिसमें उसके पीड़ित की 7 माह की गर्भवती होने की जानकारी मिली. मां और भाई के पूछने पर किशोरी ने पीड़ादायक आपबीती बताई जिसके बाद किशोरी के भाई ने अपने पिता के खिलाफ तहरीर दी.
अमरोहा एसपी विनीत जायसवाल ने क्या कहा -
वहीं इस मामले पर अमरोहा एसपी विनीत जायसवाल का कहना है कि पीड़िता के भाई ने मुकदमा दर्ज कराया था कि उसके पिता ने उसकी छोटी बहन के साथ दुष्कर्म किया जिससे वह गर्भवती हो गई. प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के अंदर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. एसपी के मुताबिक प्रकरण में फॉरेंसिक संकलन की कार्यवाही करते हुए गुणवत्तापूर्ण विवेचना संपादित की गई साथ ही 6 दिनों के भीतर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया. मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत थाना पुलिस और विशेष लोक अभियोजक के द्वारा प्रभावी पैरवी की गई सभी. गवाह और साक्ष्यों को समय से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया इसके आधार पर न्यायालय ने 6 दिन के भीतर पिता को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. पुलिस और अभियोजन की संयुक्त कार्रवाई में रिपोर्ट दर्ज होने की मात्र 14 दिनों के भीतर यह सजा हुई.
अमरोहा डीएम बीके त्रिपाठी ने क्या कहा-
वही इस मामले पर अमरोहा के डीएम बीके त्रिपाठी का कहना है कि दोषी पिता को कम समय में सजा पुलिस और अभियोजन की सशक्त पैरवी का नतीजा है ऐसा अभ्यास बना रहना चाहिए. दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने और पीड़िता को त्वरित न्याय दिलाने के प्रयास हर स्तर से होने चाहिए. पीड़ितों को त्वरित न्याय मिलने से आरोपियों में डर बना रहता है, 6 दिन के भीतर एक बेटी को न्याय मिला है. जिले में पिछले 15 दिनों के भीतर तीन मामलों में बेटियों के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म के दोषियों को बिना देरी सजा दिलाई गई है.
विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने क्या कहा-
वही विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने बताया कि अदालत ने सुनवाई के दौरान पीड़िता के बयानों को अहम माना है. अदालत में पीड़िता ने बताया कि उसके सगे पिता ने कई बार दुष्कर्म किया वह उनका विरोध करने में विवश थी. पीड़िता ने कहा कि पिता ने उसे समाज में मुंह दिखाने के लायक नहीं छोड़ा बाप बेटी के रिश्ते को कलंकित किया है. अदालत में अपने बयान दर्ज कराते समय पीड़िता भावुक हो गई थी और उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे थे. अदालत ने संज्ञान लेते हुए इस मामले में त्वरित न्याय दिया.