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किसान नेता डॉ राजाराम की आवाज पर एक साथ उठे बीस हजार हाथ
रजबपुर अमरोहा: तीन कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में रजबपुर में चौधरी हरपाल सिंह बिलारी राष्ट्रीय अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन 'असली' के द्वारा एक महापंचायत का आवाहन किया गया।
इस महापंचायत में शिरकत करने हेतु देश के कोने कोने से लगभग सभी बड़े किसान नेता रज्जबपुर पहुंचे। जिनमें प्रमुख रूप से पधारे संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, गुरनाम सिंह चढूनी, जोगिंदर सिंह उगराहां, डाँ राजाराम त्रिपाठी राष्ट्रीय संयोजक अखिल भारतीय किसान महासंघ (आईफा), डॉ आशीष मित्तल,,प्रदीप हुड्डा,कैलाश त्यागी, राजकुमार अत्री, जैविक भारत, कर्नल सुधीर चौधरी, ऋषि पाल सिंह, प्रबल प्रताप शाही, हरीश हूण, जोगेन्दर जी, ऋषभ चौधरी आदि किसान नेताओं ने बारी बारी से मंच से इन तीनों कृषि कानूनों की सख्त मुखालफत करते हुए सरकार को उसके किसान विरोधी नीतियों के लिए कटघरे में खड़ा कर दिया । सभी किसान नेताओं ने मंच से सरकार को ललकार ते हुए इन अवांछित कानूनों को शीघ्र से शीघ्र वापस मैंने की चेतावनी दी।
जोगिंदर सिंह उगराहा ने कहा कि आज किसानों के साथ हो रहे अन्याय के विरोध में पूरा देश एक साथ उठ खड़ा है ,सरकार किसी मुगालते में ना रहे। बलवीर सिंह राजेवाल ने कहा इस आंदोलन ने देश को बांटने वाले लोगों की चाल को विफल कर दिया है ,आज देश को बचाने के लिए हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, किसान, मजदूर,सभी वर्ग सब एक साथ मजबूती से खड़े हैं।
गुरनाम सिंह चढूनी ने सभी किसान आंदोलन में समरसता बनाए रखने की अपील की और कहा कि इसमें किसान तथा मजदूर दोनों कंधे से कंधा मिलाकर अपने हक के लिए लड़ रहे हैं ,और दलित वर्ग भी आज हमारे साथ खड़ा है, और हम लोगों को सभी वर्गों का सम्मान करना बेहद जरूरी है, उत्तर प्रदेश में किसानों को गन्ने का मूल्य और भुगतान नहीं मिल पा रहा है।
कार्यक्रम में विशिष्ट वक्ता के रूप में छत्तीसगढ़ से आमंत्रित 'अखिल भारतीय किसान महासंघ' (आईफा) के राष्ट्रीय संयोजक डॉ राजाराम त्रिपाठी ने तीनों कृषि कानूनों के प्रमुख आपत्तिजनक जनक प्रावधानों के बारे में बिंदुवार बताते हुए स्पष्ट किया कि इन कानूनों में आखिर काला क्या है,,और कैसे यह कानून कार्पोरेट्स और बड़ी कंपनियों के लिए गढ़े गए हैं।
आज की इस महापंचायत का सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक क्षण तब आया, जब इन कृषि कानूनों के बारे में विस्तार से समझाने के बाद डॉ.राजाराम ने किसान महापंचायत में उपस्थित किसान बिरादरी से सीधा संवाद करते हुए पूछा, कि क्या आप सब किसान इन तीनों कानूनों को चाहते हैं, अथवा नहीं, बिना दबाव के स्वेच्छा से सीधा-सीधा दो टूक जवाब दें। जवाब में दस हजार से भी अधिक किसानों ने ,अपने हाथ उठाकर एक सुर में इन कानूनों का विरोध किया तथा इसके मुखालफत की शपथ ली।
कार्यक्रम के अंत में भारतीय किसान यूनियन असली के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा इस कार्यक्रम के संयोजक चौधरी हरपाल सिंह ने आमंत्रित सभी अतिथि किसान नेताओं तथा कार्यक्रम में शामिल सभी किसान साथियों का धन्यवाद देते हुए आवाहन किया जी अगली किसान महापंचायत आज से ठीक 1 महीने बाद 5 अप्रैल को संभल में आयोजित की जाएगी, यह किसान महापंचायत कई मायनों में अनूठी होगी जिसके बारे में अलग से प्रेस वार्ता की जाएगी, इस किसान महापंचायत में डेढ से दो लाख किसान भाइयों के सम्मिलित होने की आशा है।