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लखनऊ में एक और शख्स हुआ साइबर क्राइम का शिकार गवाए अपने 22 लाख रुपए
लखनऊ मे एक और साइबर क्राइम की वजह से अपने 22 लाख रुपए गवा बैठा । FIR के अनुसार साइबर थाना गोमती नगर निशातगंज निवासी अनुज कुमार (बदला हुआ नाम) के व्हाट्सऐप पर साधारण काम के बदले पैसे देने का मैसेज आया. इसके तुरंत बाद, उन्हें एक टेलीग्राम में जोड़ दिया गया। इन साइटों पर उन्हें लिंक को लाइक और क्लिक करने को कहा गया और नौकरी देने वाली कंपनी ने काम करने पर ₹3000 सैलरी देने का भी वादा किया फिर इन ठाकुर ने पीड़ित का विश्वास जीतने के लिए उसे ₹50000 वेतन भी दिया और फिर उसे कहा कि ₹400000 की धनराशि खर्च करें.
उन्हें निवेश के रूप में ₹200000 की राशि भी जमा करने को कहा गया और इस पर कहा गया कि उन्हें रिफंड मिल जाएगा लेकिन बदमाश लगातार निवेश करने वाली राशि पर जोर डालते रहे।उन्होंने पीड़ित को 5 लाख,तीन लाख और ₹600000 का लालच भी दिया जिसके बाद पीड़ित उनके झांसे में आ गया इस मामले में पीड़ित से 2200000 रुपए से अधिक की लूट के बाद बदमाशों ने अपना फोन स्विच ऑफ कर दिया।
कोई विकल्प न होने पर पीड़िता ने थाने में यह मामला दर्ज कराया है। साइबर पुलिस ने यह मामला खुद रजिस्टर करके धोखाधड़ी का मामला बताया है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन जॉब ऑफर स्वीकार करने से पहले कंपनी की सारी डिटेल जरूर चेक कर लेनी चाहिए। पीड़ित ने इस पर कहा कि इस फर्म को ज्वाइन करने से पहले उसने सारी डिटेल पूरी तरीके से चेक कर ली थी।
एसएचओ मुस्लिम खान ने कहा कि आईपीसी की धारा 419 (व्यक्ति द्वारा धोखा देने की सजा), आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और अन्य के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक साइबर विशेषज्ञ ने कहा कि क्लिक फॉर्म एक घोटाला है जिसमें क्लिक के लिए कम वेतन वाले श्रमिकों के एक बड़े समूह को काम पर रखा जाता है। हाला की नौकरी देने की आड़ में साइबर स्कैमर पैसे देने के बहाने लोगों को काफी ठग रहे हैं।उन्होंने अभी तक इस तरह की धोखाधड़ी के सिलसिले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया है लेकिन यह दावा करना आसान नहीं है कि यह किसके द्वारा किया जा रहा है लेकिन यह गिरोह हर जगह सक्रिय है.कोई विकल्प न होने पर पीड़िता ने थाने में यह मामला दर्ज कराया है। साइबर पुलिस ने यह मामला खुद रजिस्टर करके धोखाधड़ी का मामला बताया है।