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VIDEO : गुड्डू जमाली ने कैसे बिगाड़ा Akhilesh Yadav का खेल ? जानें- क्या है धर्मेंद्र यादव के हार की Inside Story ?

उत्तर प्रदेश की रामपुर और आजमगढ़ उपचुनाव में बीजेपी का परचम लहराया है। लेकिन आजमगढ़ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ की जीत के बाद से ही बसपा के प्रत्याशी गुड्डू जमाली सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। मायावती ने रामपुर में अपनी पार्टी से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा लेकिन आजमगढ़ में गुड्डू जमाली को मैदान में उतारकर सपा की मुश्किलें बढ़ा दी।
आजमगढ़ से गुड्डू जमाली के मैदान में उतरे ही सपा के सामने चुनौतियां बढ़ गयी थीं। अगर बसपा से गुड्डू जमाली चुनाव ना लड़ते तो शायत आजमगढ़ की सीट पर सपा कब्जा कर लेती लेकिन गुड्डू जमाली के चुनाव मैदान में उतरने से सपा के सभी समीकरण खराब हो गये और बीजेपी के लिए रास्ता आसान हो गया।
फिलहाल गुड्डू जमाली खुद तो नहीं जीत पाए लेकिन सपा का खेल जरूर खराब कर दिया। सपा को लग रहा था कि शायद आजमगढ़ में उसको सिर्फ बीजेपी से ही मुकाबला करना होगा लेकिन चुनाव के कुछ वक्त पहले ही अचानक गुड्डू जमाली के मैदान में उतरने से पूरे चुनाव का आकर्षण रामपुर के बजाए आजमगढ़ बन गया।
आजमगढ़ में बीजेपी के दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' (Dinesh Lal Yadav) की जीत का अंतर केवल 8,679 रहा. माना जा रहा है कि यहां बीजेपी की जीत की बड़ी वजह बसपा उम्मीदवार गुड्डू जमाली रहे, जिसके कारण सपा के धर्मेंद्र यादव की हार हुई. ऐसे में हम आंकड़ों के आधार पर इस पूरे गणित को समझते हैं.
अब इस पूरे गणित को समझने के लिए पहले हम लोकसभा चुनाव 2019 के परिणामों पर एक नजर डालते हैं. तब आजमगढ़ में सपा प्रमुख अखिलेश यादव यहां चुनाव लड़े और जीत दर्ज की. तब सपा प्रमुख को 6,21,578 वोट मिले थे. हालांकि उस वक्त सपा और बसपा का गठबंधन था. तब बीजेपी से निरहुआ ही चुनाव लड़ रहे थे. उन्हें कुल 3,61,704 वोट मिले थे. अखिलेश यादव ने इस चुनाव में 2,59,874 वोट से जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में सुभासपा के उम्मीदवार अभिमन्यु सिंह को 10,078 वोट मिले थे और वो तीसरे नंबर पर रहे.
जानें क्या कहते हैं आंकड़े
अब इस बार के उपचुनाव परिणाम के आंकड़ें देखते हैं. बीजेपी से निरहुआ ने जीत दर्ज की है और उन्हें 3,12,768 वोट मिले हैं. वहीं सपा उम्मीदवार और अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को 3,04,089 वोट मिले. जिन्हें 8,679 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. जबकि बसपा उम्मीदवार शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को 2,66,210 मिले हैं और वे तीसरे नंबर पर रहे. अगर बीजेपी के जीत का अंतर यानि 8,679 वोट बसपा को मिले वोटों में से कम कर दिया जाए तो कुल 2,57,531 हो जाते हैं. करीब इतने ही वोटों से पिछली बार के चुनाव में सपा को जीत मिली थी. ऐसे में बिल्कुल स्पष्ट है कि गुड्डू जमाली के चुनाव लड़ने की वजह से बीजेपी यहां मुलायम सिंह यादव परिवार के किले को ध्वस्त कर पाई.