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- आजमगढ़ पुलिस का...
आजमगढ़ पुलिस का गुंडाराज , सीओ बोले छोटी जाति की औरत मजा लेने के लिए होती है
राजीव कुमार सिंह की रिपोर्ट
आजमगढ़ : हाल ही में यूपी पुलिस का नंगा नाच आजमगढ़ के सगड़ी तहसील में देखने को मिला है ,पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर आजमगढ़ में बीते दो दिन और रात में पुलिस ने जो तांडव मचाया वह मानवता को शर्मसार करने से भी आगे निकलने वाला है । आजमगढ़ पुलिस ने महिलाओं के कपड़े फाड़े ,उनके निजी अंगों पर डंडे से प्रहार किए ,भद्दी -भद्दी गालियाँ दिया । इसके बाद भी उनका मन नही भरा तो तीन बुल्डोजर लगवाकर 4 मकानों को खण्डहर में तब्दील कर दिया । नई ट्रैक्टर और मोटरसाइकिल को भी नही छोड़ा । घटना की तश्वीरें ही वहाँ का नंगा सच और हाल बया कर रही है ।
घटना की सूचना पर वाराणसी से आधी रात में आजमगढ़ पहुंचे वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व संपादक विजय विनीत पूरे घटनाक्रम को बयां कर रहे थे कि भारत के इतिहास में यह ऐसी पहली घटना होगी जहाँ कानून के रक्षकों ने भक्षक बनकर उत्पात मचाया । मानवता , हैवानियत की इतनी विकृत रूप ले लेगी ऐसी कल्पना में भी रूह कांप जाती है । घटना के बाद स्त्रियों को यहाँ तक कहना पड़ रहा है कि अब किस तरह अपने माँ बाप ,सास ससुर, पति और परिवार वालों को हम लोग मुँह दिखाएंगे ।
घटना आजमगढ़ जनपद के राहुल पार थानाक्षेत्र के पलिया गांव में स्थित एक पासी बस्ती की है ,जहाँ 29 जून को गांव के ही एक झोलाछाप बंगाली डाक्टर आनंद विश्वास के बेटे लिट्टन विश्वास को गांव के पासी समाज के एक बेटी का आपत्तिजनक फ़ोटो मिल गया ,जिसे लेकर कई दिनों से वह उसे अवैध संबंध बनाने के लिए ब्लैकमेल कर रहा था । अंततः परेशान होकर उक्त लड़की ने अपने परिजनों से इस बात की शिकायत की। परिजनों ने ग्राम प्रधानपति पलिया मुन्ना पासवान ,उनके चाचा राजपत पासवान को इस मामले की सूचना दिया तो उन्होंने पंचायत के जरिये कई लोगों ने मिलकर इस मामले को हल करने का दवाब बनाया और लिट्टन विश्वास को फटकार लगाया । इससे नाराज होकर लिट्टन विश्वास ने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दे दिया । सूूूूूूचना पर पहुचे दो पुलिस कर्मी नशे में धुत्त थे तथा बातचीत के दौरान ग्राम प्रधानपति पलिया मुन्ना पासवान को मारने लगे । इस दौरान मुन्ना पासवान के नाक से खून बहने लगा यह देख वहाँ मौजूद गांव के लोग आग बबूला हो गए और देेखते ही देेेखते माहौल गरमा गया । ग्रामीणों ने नशे में धुत्त दोनो पुलिसकर्मियों को धुन दिया । जब घटना के सम्बंध में पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह आजमगढ़ को सूचना हुई तो उन्होंने लगभग 200 की संख्या में पुलिसकर्मियों सहित कुछ सत्ता के करीबी बदमाशो को उक्त गांव में पुलिस बल के साथ भेजा ।
देखिए पीड़ित महिलाओं ने क्या कहा
पुलिसकर्मियों ने 29 जून को ही रात में ग्राम प्रधान मुन्ना पासवान के चाचा राजपत पासवान के घर पर धावा बोल दिया और बुलडोजर चलवाना शुरू कर दिया । राजपत के बेटे मिंटू दिल्ली में रहते है ,मिंटू की पत्नी मंजू को बेरहमी से पुलिसकर्मियों ने पीटा और उसके 6 माह के बच्चे उत्कर्ष को जमीन पर पटक दिया, जो खबर लिखे जाने तक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है । इस बीच मिंटू का छोटा भाई स्वतंत्र पासवान एक अस्पताल में अपने दुधमुंहे बच्चे का रिपोर्ट लेने गया था । आरोप है कि मिंटू की बहन प्रियंका को घसीटकर पुलिस वाले घर के अन्यंत्र जगह ले जाकर पीटते रहे और उसके अस्मत पर हाथ डालने की भी कोशिश की । मारपीट के दौरान प्रियंका बार -बार बेहोश हो रही थी । इस बात को राजपत की बहन की बेटी गुड्डी ने बताया । अन्य महिलाओं से बातचीत मे भी इस बात की पुष्टि हुई । बताया कि उनके घर में रखे कई लोगों के सोने के हार, कंगन ,चेन सहित लगभग 50 लाख के आसपास अनुमानित कीमत के गहने और महिलाओं ने जो गहने पहने थे वे भी लूट लिए गए ।
उसके बाद पुलिस ने सूर्यमान पुत्र स्व०श्यामदेव के घर पर बुल्डोजर चलवाना शुरू कर दिया । सूर्यमान की पत्नी सुनीता का कहना है कि जब हम लोगो ने विरोध किया तो पुलिसकर्मियों सहित आये हुए बदमाशों ने घर की महिलाओं को डंडे से बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। सुनीता ने यहाँ तक बताया कि हम लोगो का ब्लाऊज फाड़ा गया ,सड़क पर धकेल कर साड़िया खींच ली गई , हमारे गुप्तांगो पर डंडे से वार किए गए । उन्होंने कहा कि यहां यदि महिला मीडियाकर्मी होती तो हम एक -एक जख्म उन्हें दिखाते । हमारी इज्जत तो उतर ही चुकी है आप लोग चाहे तो आप लोगों को भी अपने निजी अंगों के घाव हम लोग दिखा सकते है । सुनीता की 85 वर्षीय फुफिया सास को पुलिसकर्मियों ने नही बख्शा और बुरी तरह डंडे से पीटा है ,जो उनके शरीर पर अब भी दिख रहे है ।
पुलिसिया उपद्रव यही नही थमा सूर्यमान के बाद उनके छोटे भाई स्वतंत्र पासवान के परिवार पर धावा बोल दिया। स्वतंत्र पासवान ईट भट्ठा व्यवसायी है , उनके ट्रैक्टर को बुलडोजर से कुचल दिया गया । मकान और उसमें रखे सामान को एक -एक करके तहस -नहस कर दिया गया । घर मे लगी एसी ,और समानों को तहस नहस कर दिया गया । उनके बच्चो के लैपटॉप भी पुलिसकर्मियों ने लूट लिए । इसके बाद ग्राम प्रधानपति मुन्ना पासवान की 15 वर्षीय बेटी शिवांगी और पत्नी मंजू को बुरी तरह पीटने, कपड़े फाड़ने का भी आरोप है । इस दौरान पुलिसकर्मी अश्लीलता के हर स्तर को पार कर मुन्ना पासवान की 40 वर्षीय बहन मंजू को भी लाठियों से पीटते है ।
पुलिसकर्मियों के गुंडागर्दी का अगला निशाना पास में ही रहने वाले बृजभान और उनकी पत्नी चम्पा देवी का परिवार बनता है । पुलिसकर्मियों ने उन्हें भी नही बख्सा और जमकर तोड़फोड़ मचाया । बृजभान की बेटी संध्या की हाल ही में 20 जून को शादी हुई थी ।उसके सभी गहने पुलिसकर्मियों द्वारा लूट लिए गए और संध्या के साथ भी अत्याचार की सभी सीमाएं लांघी गई ।
*मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल नही थे तैयार :
पुलिस ने जो किया उससे आजमगढ़ जनपद के माथे पर एक गहरा कलंक लग चुका है । आजमगढ़ पुलिस की पुलिसिया हनक इस स्तर की है कि इसके बाद जब पीड़ित अस्पताल ईलाज और मेडिकल परीक्षण के लिए जाते है तो चिकित्सक हाथ खड़े कर देते है । वरिष्ठ पत्रकार विजय विनीत ने पीड़ितों से बातचीत के आधार पर बताया कि जुल्म की सभी हदे पार करने के बाद अस्पताल के चिकित्सकों ने भी इलाज करने और मेडिकल परीक्षण करने से मना कर दिया था । हालांकि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जब अस्पताल में ही धरना देना शुरू किया तब जाकर अस्पताल प्रबंधन झुका और चोटहिल लोगो का इलाज और जघन्यता की शिकार महिलाओं का मेडिकल परीक्षण हो पाया ।
* रात का मजा दिन में लेने आये हैं …
सुनीता ने कहा कि रात के तांडव के बाद एस डी एम गौरव कुमार व पुलिस क्षेत्राधिकारी सगड़ी गोपाल स्वरूप बाजपेयी जब 1 जुलाई को घटनास्थल पर आए तो वे पुलिस क्षेत्राधिकारी एस डी एम के सामने ही माँ बहन की भद्दी गालियां देते हुए मजाकिया लहजे में बोले कि जो मजा रात में ढंग से नही आया ,वही मज़ा अब दिन में लेने आये हैं । यह हैरान करने वाली बात है कि एक ऑफिसर हम महिलाओं के लिए इस तरह का शब्द इस्तेमाल कर रहा है । उनकी नजरो में दलितों की बहन बेटियां हवस का समान बन गई है । आजमगढ़ पुलिस ने बहुत बड़ा कुकर्म किया है । हम लोगों को अपने सास ससुर,माँ बाप सहित पूरे गांव के सामने पेटिकोट और ब्लाऊज में लाकर सड़क पर डंडे से पीटा गया है । हमारे साथ इतना घिनौना कृत्य किया गया कि अब हम जिन्दा लाश बन चुके है ।
*योगी आये ,नही तो बच्चों संग लगा लुंगी फांसी :
पीड़ित महिला सुनीता ने कहा कि योगी खुद को महंत होने का दावा करते है ,उनकी पुलिस ने घर मे रखे भगवान के मंदिर को भी तहस – नहस किया और मूर्तियों को लातो से मार -मार कर तोड़ा है । बेटियों और बहुओं के आबरू पर उनकी पुलिस ने डाका डालने का प्रयास किया है । अब हम लोग न तो अपने परिवार को मुह दिखाने लायक बचे है ,और न ही अपने पतियों के सामने जाने लायक । अगर योगी और मोदी बेटियों की सुरक्षा का दावा करते है तो उनको इस घटना स्थल पर आना होगा ,यदि नही आये तो अपने बच्चों के साथ हम सब फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेंगे । जिस तरह का तांडव प्रशासन ने किया है ,कानून से भरोसा उठ गया है । जब तक योगी नही आते तब तक मैं यही अपने परिवार के साथ सड़क पर रहूंगी । क्योंकि हमारा घर अब बचा नही है ,राशन में जहरीला पदार्थ मिला दिया गया है। जीवन जीने के सभी रास्ते बंद हो गए है । पुलिस सूत्रों के मुताबिक गांव के लगभग 28 व्यक्ति नामजद एव 143 अज्ञात लोगों पर पुलिस ने गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करके पूरे गांव में घेराबन्दी कर दी है । यही नही पास के नजदीकी गांव उन्नई में भी पुलिस दविश देकर ग्रामीणों को उठा रही है । कई लोग दहशत में आकर गांव छोड़कर फरार है । गांव में केवल महिलाएं और बच्चे ही बचे है जो पिछले तीन दिन से दहशत में है ।
*घटना पर सियासत गरमाई :
हैरान करने वाली बात यह है कि पूर्वांचल का महत्वपूर्ण जिला आजमगढ़ जो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र भी है , इसके सगड़ी तहसील के पलिया गांव की पासी टोला में यह पुलिसिया तांडव हुआ ,इसकी खबर मेन स्ट्रीम की मीडिया से पूरी तरह गायब है । यहाँ तक कि सूचना क्रांति की दम्भ भरने वाली सरकार में इस घटना का केवल छिटपुट फ़ोटो ही कही- कही मिला है । मामले का संज्ञान लेते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना पर ट्वीट करके अफसोस जताया है और ट्वीट के जरिये सरकार पर दलित विरोधी मानसिकता से प्रेरित इस घटना की निंदा किया है ।साथ ही उन्होंने दोषियों के ऊपर कार्यवाही और पीड़ितों को मुआवजा की मांग सरकार से की है ।परिवार की सुरक्षा के लिए अपने प्रभारी अनिल यादव के नेतृत्व में सैकड़ो कार्यकर्ताओं को परिवार की सुरक्षा और बच्चों का ध्यान रखने का निर्देश दिया है ।पीड़ित परिवार का भी यही कहना है कि पुलिस हमारी दुश्मन हो चुकी है अब इन्ही लोगों के सहारे हम लोग खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे है ।
*पुलिस अधीक्षक ने कहा रासुका लगाएंगे :
आजमगढ़ पुलिस अधीक्षक को फोन करने पर वे कुछ भी बोलने से कतरा रहे है । उनकी ओर से मीडियाकर्मियों को दो वीडियो जारी किए गये हैं । आरोप है कि इस घटना के बाद भी पुलिस के तेवर नही बदले है उन्होंने कहा है कि गांव के या गांव के आसपास के कोई भी लोग इस परिवारों की मदद के लिए यदि आगे बढ़ेंगे तो उनपर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ) लगाकर मुकदमा दर्ज करेंगे ।जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि पुलिस अधीक्षक महोदय ,आज़मगढ़ में अंग्रेजी हुकूमत का रॉलेट एक्ट लगाना चाहते जो बिना अपील ,बिना दलील,बिना वकील का कानून होगा । इतना तो तय है कि पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ अकेले यह निर्णय नही ले रहे है इसके पीछे जरूर सत्ता का कोई मजबूत हाथ होगा ।
*क्या कहती है आजमगढ़ पुलिस :
हालांकि पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ द्वारा जारी वीडियो में उनके द्वारा बताया जा रहा है कि 29 जून को शाम 6:30 बजे रौना पार थानाक्षेत्र के पलिया बाजार में मुन्ना पासवान और उनके साथियों द्वारा लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की जा रही थी । जिसे वहाँ मौजूद लिट्टन विस्वास नाम का व्यक्ति द्वारा वीडियो बनाया जा रहा था । इसी मामले को लेकर उनलोगों में आपस मे मारपीट शुरू हो गई और जब रौना पार थानाध्यक्ष को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने दो कांस्टेबल मुखराम यादव और विवेक त्रिपाठी को मौके पर भेजा । पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ का आरोप है कि बीच बचाव के बीच मुन्ना पासवान और उनके साथी एक पुलिसकर्मी को मारने लगे । इसपर दूसरा पुलिसकर्मी वीडियो बनाने लगा जिसपर वीडियो बनाने वाले दूसरे पुलिसकर्मी को भी मारा गया । पुलिसकर्मी विवेक त्रिपाठी को गंभीर चोट आई है ।इस संदर्भ में आरोपियों द्वारा घर के महिलाओं को आगे करके अपने बचाव का पक्ष रखा जा रहा है। सभी आरोपी फरार है । लिट्टन पासवान तथा आजमगढ़ पुलिस की ओर से उनके ऊपर विभिन्न धाराओं में सरकारी कार्य मे बाधा डालने के सम्बन्ध में मुकदमा पंजीकृत करके वैधानिक कार्यवाही की जा रही है । आवश्यकता पड़ने पर गैंगस्टर की भी कार्यवाही की जाएगी । फिलहाल सभी आरोपी फरार है जिनके लिए पुलिस द्वारा दविश दी जा रही है ।हालांकि थानाध्यक्ष रौना पार तारकेश्वर राय अब दावा कर रहे है मुकदमे से बचने के लिए ग्रामीणों ने खुद ही जेसीबी मंगा कर तोड़फोड़ की और लूटपाट का दिखावा किया है ।