आजमगढ़

अखिलेश यादव के गढ़ में सीएम योगी बोले- "आजमगढ़ का नाम बदला जाना चाहिए ..."

Arun Mishra
13 Nov 2021 4:58 PM IST
अखिलेश यादव के गढ़ में सीएम योगी बोले- आजमगढ़ का नाम बदला जाना चाहिए ...
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आजमगढ़: गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के चुनावी क्षेत्र आजमगढ़ में रैली को संबोधित किया. सीएम योगी ने रैली में सपा प्रमुख पर लगातार हमले किये. राज्य में स्थानों का नाम बदलने की होड़ में अतीत में आलोचनाओं का सामना कर चुके सीएम योगी ने आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र का नाम बदलकर "आर्यमगढ़" करने का सुझाव दिया. रैली में मुख्य बात यह रही कि अमित शाह ने यूपी चुनावों से पहले योगी आदित्यनाथ को भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन दिया.

उन्होंने कहा, "मैंने पहले कहा है कि हमें आजमगढ़ में पर्याप्त विधानसभा सीटें नहीं मिलती... लेकिन अब बहुत हो गया. मैं आपसे यहां की सभी विधानसभा सीटें भाजपा को देने के लिए कह रहा हूं ताकि योगी आदित्यनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जा सके.'' गृहमंत्री ने कहा कि बीजेपी की नजर राज्य में लगातार दूसरे कार्यकाल पर है.

इस साल की शुरुआत में यूपी चुनाव रणनीति को लेकर भाजपा के हंगामे के बाद सीएम योगी के लिए अमित शाह का यह समर्थन देखने को मिला है. कोविड से निपटने के क्रम में सीएम योगी को जबरदस्त आलोचना का सामना करना पड़ा था.

आज की रैली में अपने संबोधन की शुरुआत में ही अमित शाह ने पिछले महीने अखिलेश यादव की "जिन्ना" टिप्पणी का उल्लेख किया. जिन्ना पर अखिलेश की टिप्पणी को लेकर भारी सियासी घमासान देखने को मिला था. उन्होंने कहा, 'अखिलेश के लिए जिन्ना की विशेष प्रासंगिकता है.'

अमित शाह ने सपा को घेरते हुए रैली में मौजूद लोगों पूछा, "पीएम मोदी के 'जेम', जन धन बैंक खाते, आधार कार्ड और सभी के लिए मोबाइल फोन हैं. जब मैंने गुजरात में यह कहा तो, समाजवादी पार्टी ने कहा कि उनके पास भी एक 'जेम' है. मैंने एक पत्रकार से पूछा कि सपा के 'जेम' का क्या मतलब है, तो उन्होंने कहा कि उनके 'जेम' का मतलब जिन्ना, आजम खान और मुख्तार हैं. अब आप मुझे बताएं कि आप हमारे 'जेम' के साथ जाएंगे या समाजवादी पार्टी के?"

उन्होंने आगे कहा, "चुनाव आते ही अखिलेश यादव को जिन्ना में महानता दिखाई देने लगी है. क्या किसी को लगता है कि जिन्ना महान हैं? ऐसा कोई नहीं कहेगा. यह केवल अखिलेश यादव ही हैं जो ऐसा महसूस करते हैं."

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