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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नये आदेश से पुलिस महकमे में मची खलबली!
योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में आपराधिक घटनाओं के ना रुकने को लेकर पुलिस अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में उन लोगों की कोई जरूरत नहीं है, जो वर्दी के नाम पर कलंक हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आजमगढ़ जिले की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई।
पुलिस प्रशासन में फैले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वर्दी के नाम पर कलंक बन चुके पुलिस कर्मियों के लिए विभाग में कोई जगह नहीं है। इसके अलावा उन्होंने लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं को रोक ना पाने के लिए भी अधिकारियों से कड़े सवाल पूछे। सीएम योगी ने पूछा,'आप के आस-पास सारे संसाधन मौजूद हैं, पूरी छूट है और दावे के अनुसार आप सड़क पर ही रहते हैं फिर भी
अपराध की घटनाएं क्यों हो रही हैं?
अपराध होने के बाद भी आपका ऐक्शन क्यों नहीं दिखता। किसी घटना का जब मीडिया ट्रायल शुरू हो जाता है, उसके बाद ही आपका ऐक्शन क्यों दिखता है।'
चौकीदारों और प्रधानों से भी बनाएं रखें संवाद'
आजमगढ़ मंडल की समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, 'जिन पुलिस कर्मियों की अपराधियों से सांठगांठ है, अभियान चलाकर उनको चिह्नित करें। वर्दी के नाम पर कलंक बन चुके लोगों की विभाग में कोई जगह नहीं है। चौकीदार सूचनाएं देकर अपराध को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
हर पखवाड़े इनके साथ बैठक करें। प्रधानों और अन्य जनप्रतिनिधियों से भी लगातार संवाद बनाए रखें। लोकतंत्र में समस्याओं के हल का सबसे प्रभावी जरिया है- संवाद। लूट होने पर संबंधित थाने के बीट सिपाही से लेकर अन्य पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय करें।' मुख्यमंत्री ने जेलों को अपराधियों के आराम और अपराध संचालन का अड्डा बन जाने पर भी नाराजगी जताई।
उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। सीएम योगी ने कहा, 'आंकड़े नहीं जनता के भरोसे को कानून-व्यवस्था का पैमाना बनाएं, इस भरोसे से ही जनता में सकारात्मक संदेश जाता है।' महिलाओं और मासूम बच्चियों से दुष्कर्म की घटनाओं को कड़ाई से रोकने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि रेंज स्तर पर ऐसे टॉप टेन अपराधियों की सूची बनाकर उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करें,ऐसे मामलों को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाएं और मजबूती से पैरवी करके दो महीने में उन को अधिकतम सजा दिलवाएं, ऐसा करने से ऐसी मानसिकता के अन्य अपराधी भी भयभीत होंगे।
लखनऊ तक क्यों आती हैं समस्याएं?'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'लखनऊ तक लोगों की समस्याएं आने का मतलब स्थानीय स्तर पर प्रभावी और संतोषजनक कार्रवाई का ना होना है। अधिकारी जन सुनवाई के लिए एक समय निर्धारित करें, लोगों की समस्याएं सुनकर उनका हल निकालें, इससे सरकार के कामकाज के बारे में फीडबैक तो मिलेगा साथ ही लोगों का भरोसा भी जगेगा।'