आजमगढ़

आज़मगढ़ में दलित ग्राम प्रधान की हत्या, योगी राज में कानून व्यवस्था ध्वस्त

Shiv Kumar Mishra
15 Aug 2020 8:54 PM IST
आज़मगढ़ में दलित ग्राम प्रधान की हत्या, योगी राज में कानून व्यवस्था ध्वस्त
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लखनऊ 15 अगस्त 2020. रिहाई मंच ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज़मगढ में दलित ग्राम प्रधान की हत्या को बेखौफ सामंतों द्वारा अंजाम दी गई घटना बताते हुए कड़ी भर्त्सना की. मंच का प्रतिनिधि मंडल कल मृतकों के परिजनों से मुलाकात करेगा.

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि जिस प्रकार से बांसगांव के दलित प्रधान की हत्या करने के बाद हत्यारों ने उनके घर जाकर लाश उठाने और सामूहिक विलाप करने की बात कही उससे आज़मगढ़ के तरवां-मेंहनगर क्षेत्र में सामंतों के बढ़े हुए हौसले का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि बांसगांव के दलित प्रधान ही हत्या से पहले उस क्षेत्र में सामंतों ने मारपीट की कई घटनाएं अंजाम दीं. प्रशासन द्वारा कार्रवाई न होने के चलते सामंती तत्वों के हौसले बढ़े जिसका नतीजा दलित ग्राम प्रधान की हत्या.

राजीव यादव ने कहा कि योगी सरकार में दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों पर सामंती हमलों बृद्धि हुई है. इससे पहले इसी क्षेत्र में ऐराकलां के माता सहदेई इंटर कालेज में घुसकर सामंती तत्वों ने मारपीट की. जिसमें प्रबन्धक रमाकांत यादव की पत्नी भी जख्मी हुईं. लेकिन नामजद एफआईआर होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.

मंच महासचिव ने कहा कि आज़मगढ़ के जिस क्षेत्र में यह घटनाए अंजाम दी जा रही हैं गुंडा राज को खत्म करने के नाम पर उसी क्षेत्र के कई दलितों और पिछड़ों की एनकाउंटर के नाम पर हत्या की जा चुकी है और कई अन्य के पैरों में गोली मारी गई है. इनमें से कई मामले न्यायालय व मानवाधिकार आयोग में विचाराधीन हैं. क्षेत्र के कई लोगों का आरोप है कि उन एनकाउंटरों को सामंती तत्वों के इशारे पर अंजाम दिया गया था.

राजीव यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्यमेव राम की हत्या का संज्ञान लेते हुए मुआवज़ा देने और अपराधियों पर रासुका लगाने के निर्देश आज़मगढ़ प्रशासन को दिए हैं. लेकिन इससे पहले सवर्ण सामंतों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासनों के बाद भी अपराधी आसानी से कानून के शिकंजे से बच निकलने में सफल रहे हैं.




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