आजमगढ़

अखिलेश के गढ़ में जमातीयों के छिपे होने की आशंका, WHO की टीम पहुंची

Shiv Kumar Mishra
7 April 2020 3:01 AM GMT
अखिलेश के गढ़ में जमातीयों के छिपे होने की आशंका, WHO की टीम पहुंची
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जो 25 मार्च से देश के विभिन्न हिस्सों से वापस जनपद में आये उनका स्वास्थ्य परीक्षण के बाद विभिन्न विद्यालयों/ शेल्टर होमों को क्वारंटाइन कर दिया गया.

आजमगढ़. जिले में तीन जमातियों (Tablighi Jamat) के कोरानावायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने और सैकड़ों के छिपे होने की आशंका के बीच सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम ने भी आजमगढ़ (Azamgarh) में डेरा जमा लिया है. डब्लूएचओं की टीम जिले के संवेदनशील मुबारकपुर सीएचसी पहुंची. यहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ चली लंबी बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि मुबारकपुर कस्बे के तीन किलोमीटर के दायरे में व्यापक पैमाने पर लोगों की जांच और इलाके को सेनेटाइज करने का कार्य तेजी से किया जाएगा.

मुस्लिम बहुल आबादी में लोगों को किया जा रहा क्वारंटाइन

बता दें कि जिले की आबादी वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार पचास लाख थी. जिसमें करीब 18 प्रतिशत आबादी मुस्लिमों की है. जिले में सरायमीर, मुबारकपुर, निजामाबाद, बिलरियागंज सर्वाधिक मुस्लिम आबादी वाले इलाके है. यहां के अधिकतर लोग खाड़ी देशों में मजदूरी करते है. कोरोनावायरस के संक्रमण के बीच जिला प्रशासन के अनुसार 29 जनवरी से अब तक विदेश से कुल 1251 से लौटे हैं. ये सभी जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के रहने वाले है. वहीं देश के विभिन्न प्रान्तों से वापस लौटने वालों की संख्या 13498 है. जनपद लौटने वालों में अधिकतर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों के रहने वाले है. जिला प्रशासन ने 20 मार्च तक आये लोगों को होम क्वारंटाइन कर दिया. जो 25 मार्च से देश के विभिन्न हिस्सों से वापस जनपद में आये उनका स्वास्थ्य परीक्षण के बाद विभिन्न विद्यालयों/ शेल्टर होमों को क्वारंटाइन कर दिया गया.

घर-घर होगी स्क्रीनिंग

इसी बीच दिल्ली की तब्लीगी जमात में शामिल होकर 21 मार्च को वापस लौटे 31 जमातियों को चिन्हित किया गया. जिसमें बुनकर बाहुल्य मुबारकपुर कस्बे के दो मदरसों से कुल 14 जमातियों की जांच करायी गयी. जिसमें से तीन जमातियों को कोरोना पाजीटिव पाया गया. जिसके बाद मुबारकपुर कस्बे को सील कर दिया गया था. अन्य जमातियों की तलाश में पुलिस के बाद एसटीएफ को लगाया गया. इसी बीच सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम जिले के मुबारकपुर स्वास्थ्य केन्द्र पर धमक पड़ी. टीम के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारों की बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि संवेदनशील हो चुके मुबारकपुर कस्बे में स्क्रीनिंग के लिए 64 टीमों का गठन किया गया है. ये टीमें कस्बा और तीन किमी के दायरे में घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ ही सैनिटाइजेशन का कार्य करेंगी. इसमें पालिकाकर्मियों के साथ ही अध्यापकों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी.

मैन पॉवर की कमी

माना जा रहा है इससे कोरोना के संक्रमण को रोकने में मदद मिलेगी. टीमें अब तक मुबारकपुर कस्बे में 450 लोगों का स्क्रीनिंग कर 45 का सेंपल एकत्र किया है. सभी संदिग्ध लोगों को क्वारंटाइन किया जा रहा है. स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के लिए 64 टीमें टीमें सर्दी, जुकाम, खांसी से ग्रसित लोगों की स्क्रीनिंग करेगी. सीएचसी प्रभारी डॉ. सी यादव ने बताया कि सर्वे के लिए स्थानीय चिकित्सकों सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और आसपास के कुछ शिक्षकों व पालिका की टीम का सहयोग लिया जाएगा. तीन दिनों के भीतर ये कार्य पूरा कराया जाना है. स्थानीय तौर पर मैन पावर की काफी कमी है. इस कार्य को पूर्ण कराने में 120 कर्मचारियों की जरूरत है. लिहाजा जिला प्रशासन से वार्ता कर मैन पावर को पूरा करने का भी प्रयास किया जा रहा है. अब तक कस्बे में कुल 450 लोगों की नार्मल जांच की जा चुकी है. इसमें कुल 41 लोगों की सैंपलिंग कराई गई है.

यूपी के 17 जिले बड़ी चुनौती

डब्ल्युएचओ के अधिकारियों के मुताबिक जिन जिलों के लोग तब्लीगी जमात में शामिल हुए है और वहां संक्रमित लोग पाए गए है उसे अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा गया है. यूपी में 17 जिलों को बड़ी चुनौती के रूप में लिया जा रहा है. इसमें पूर्वांचल के मिर्जापुर, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी और आजमगढ़ जिला शामिल हैं.

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