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मुन्ना बजरंगी को सुनील राठी ने मारी दस गोली, जेलर समेत चार अधिकारी सस्पेंड, कैसे पहुंचा हथियार जेल के अंदर?
धुर्व भारद्वाज
माफिया मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस केस की न्यायिक जाँच के आदेश जारी कर दिये है. सीएम से कुछ दिन पहले ही मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने हत्या किये जाने की आशंका जताई थी.
बागपत जेल में खोजी कुत्तों की टीम के साथ जाँच टीम बागपत जेल पहुँच चुकी है. जेल के सभी पहलुओं को यह टीम खंगालेगी कि आखिर जेल के अंदर गोली मारने की घटना कैसे घटी. जबकि जेल के त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे को घेरकर अंदर हथियार कैसे पहुंचा जिससे उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. प्रसाशनिक हिसाब से यह सबसे बड़ा सवाल है.
दूसरी बात यह है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी हत्या की आशंका सूबे के मुख्यमंत्री को बताता है. और उसके दस दिन के अंदर ही सरकारी जेल में उसकी हत्या हो जाती है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा यह भी सवाल तो बनता ही है. देखते है इन सवालों का उत्तर कब तक मिलेगा या यूँ ही पहले की तरह निरुत्तर बने रहेंगे.
मुन्ना बजरंगी की पत्नी ने अभी बीते २९ जून को लखनऊ मने एक प्रेस कांफ्रेस के जरिये यह बात सीएम योगी आदित्यनाथ को बताई थी कि जेल के अंदर मेरे पति की हत्या कर दी जायेगी. उसके ठीक दस दिन बाद यह घटना घट जाती है तो क्या कहेंगे आप और आपकी सरकार. मुन्ना बजरंगी जुर्म का बेताज बादशाह था लेकिन जब वो जेल में था और उसकी इस तरह हत्या होना पत्नी की बात पर पूरी तरह मुहर लगता है.अब अपराधी जेल में भी सुरक्षित नहीं है.
मुन्ना बजरंगी को जेल में बंद सुनील राठी ने पिस्टल से दस गोलियां मारी. उसके बाद नाजायज पिस्टल को गटर में फेंक दिया गया. जैसे ही यह जनकारी जेल प्रसाशन को मिली हडकम्प मच गया. मुन्ना बजरंगी देर रात ही बागपत जेल पहुंचा था. जब वह सुबह साधे छह बजे बैरक से निकला तो उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.
अपर पुलिस महानिदेशक जेल चन्द्रप्रकाश ने कहा कि जेल में सुबह मुन्ना बजरंगी से झगड़ा होने पर उसको गोली मार दी गई जिससे उसकी मौत हो गई. इस घटना को लेकर जेलर , जेल के डिप्टी जेलर , हेड वार्डन ,वार्डन को निलंबित कर दिया गया है. इस घटना के आरोपी सुनील राठी ने हत्या के बाद हथियार को गटर में फैंक दिया.
बीते कई महीनों से जेल में संदिग्ध सामान को लेकर चेंकिग की जा रही है. जिस में जिलाधिकारी ओर एसपी या एसएसपी भी शामिल रहते है. फिर जेल में अवैध हथियार पहुंचा कैसे. जेल की सुरक्षा में गंभीर चूक है. जेल में यह कोई नई घटना नहीं है जब जब कोई वारदात होती है प्रसाशन यूँ ही चौकन्ना होता है लेकिन कुछ दिन बाद वही पुराना ढर्रा चालु रहता है.