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- जब एक साथ उठे पांच...
बागपत जनपद के डौला गांव में एक ही घर से पांच जनाजे उठे तो हर किसी की आंख नम हो गई। उनके जनाजे में पूरा गांव एकत्र दिखाई दिया। वहीं इस दर्दनाक घटना से पूरे गांव में मातम पसरा और घरों में चूल्हे तक नहीं जले हैं।
मेरठ-बागपत नेशनल हाईवे पर बालैनी टोल प्लाजा के पास रविवार शाम सिवालखास से डौला अपने गांव लौटते हुए फतेह मोहम्मद की बाइक को कैंटर ने सामने से टक्कर मारी थी। जिसमें फतेह उसकी पत्नी और तीन बेटियों की मौके पर मौत हो गई थी।
सोमवार सुबह करीब ग्यारह बजे उनके शव गांव में पहुंचे। उससे पहले फतेह मोहम्मद के घर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। शव पहुंचते ही हर किसी की आंख नम हो गई। घर से कुछ देर बाद ही सभी का जनाजा लेकर चले तो उनके जनाजे में आसपास के गांवों के लोग भी शामिल हुए। नानू मोड़ स्थित मदरसा जामिया इस्लामिया में नमाज अदा की गई और उसके बाद सभी के शव सुपुर्द-ए-खाक कर दिए गए।
फराह बोली, अम्मी-अब्बू मुझे साथ क्यों नहीं ले गए
मृतक फतेह मोहम्मद के परिवार में नौ साल की अकेली बच्ची फराह बची है। फतेह का चचेरा भाई शाहिद सोमवार दोपहर को सभी शव गांव में पहुंचने पर फराह को शवों के पास लेकर जाने लगा तो वह एक साथ पूरे परिवार के शव देखकर आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। फराह एक की बात बोल रही थी कि अम्मी तुम कहां चली गईं। अब्बू आप मुझको साथ क्यों नहीं ले गए। अब मुझे अपने साथ ले चलो।
जनप्रतिनिधि भी सांत्वना देने के लिए पहुंचे
डौला गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्यों की हादसे में मौत ने हर किसी को झकझोर दिया। इसका पता चलने पर जनप्रतिनिधि भी सांत्वना देने के लिए डौला गांव में पहुंचे। सिवाल खास विधायक गुलाम मोहम्मद के अलावा कई जिला पंचायत सदस्य सोमवार दोपहर को डौला गांव में पहुंचे। जहां फतेह मोहम्मद के घर पहुंचकर परिवार वालों को सांत्वना दी। सभी ने परिवार के सदस्यों को हर स्थिति में उनके साथ खड़े होने की बात कही।
दुनिया में आने से पहले ही चला गया बेटा
डौला गांव का फतेह मोहम्मद ठेके पर जमीन लेकर खेती करता था। उसके परिवार में पत्नी के अलावा चार बेटियां थी। उसको एक बेटे की चाहत थी। उसकी पत्नी तबस्सुम आठ माह की गर्भवती भी थी और उसके परिवार को उम्मीद थी कि इस बार बेटे की चाहत पूरी हो जाएगी, लेकिन हादसे में उसके साथ ही पत्नी व तीन बेटियों की मौत हो गई तो पत्नी के गर्भ में पल रहा बच्चा भी मर गया। पोस्टमार्टम के दौरान डाक्टरों ने देखा कि तबस्सुम के गर्भ में बेटा था और वह दुनिया में आने से पहले ही चला गया। डाक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए उसे गर्भ से निकाला, लेकिन उसे वापस तबस्सुम के पेट में रख दिया।
दोस्तों को नहीं हो रहा विश्वास कि अब फतेह का परिवार नहीं रहा
फरीद ने बताया कि फतेह मोहम्मद उनको बोलकर गया था कि वह रात तक वापस आ जाएगा। उसकी बेटी फराह का ध्यान रखना, लेकिन उनको देर शाम फोन पर पता चला कि उसके साथ ही पत्नी व तीन बच्चियों की सड़क हादसे में मौत हो गई है। यह सुनकर वह सन्न रह गए और उनको पहले विश्वास नहीं हुआ, लेकिन बाद में अन्य जगह जानकारी करने पर घटना को लेकर स्थिति साफ हो गई।
साभार अमर उजाला