- होम
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- राष्ट्रीय+
- आर्थिक+
- मनोरंजन+
- खेलकूद
- स्वास्थ्य
- राजनीति
- नौकरी
- शिक्षा
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- बहराइच
- /
- इंसाफ के लिए 7 माह से...
इंसाफ के लिए 7 माह से दर दर की ठोकरें खा रहा बुजुर्ग पिता नहीं मिला इन्साफ
बहराइच। 7 माह से बेटी के हत्यारे को सजा दिलाने के लिए एक पिता दर-दर की ठोकरें खा रहा है। पर पुलिस अभी तक नामजद हत्यारे को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। मामला खैरीघाट थाना अंतर्गत चकैया गांव के निवासी तीरथ राम यादव का है। जिसका कहना है की, आज से लगभग 7 माह पूर्व उनकी बेटी को दहेज के लिए एक अक्टूबर 2018 को ससुराल के लोगों ने जहर देकर मार दिया था। इस मामले में पुलिस ने पहले तो थाने से पीड़ित को भगा दिया था। फिर बाद में किसी तरह केस दर्ज कर लिया था।
मगर आज लगभग 7 महीने हो गए है। पुलिस द्वारा अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है, पीड़ित का कहना है की जिसके नाम से मुकदमा दर्ज है वो लोग खुला घूम रहे है, और आये दिन धमकी देते रहते है। हम लोग उस समय एस. पी साहब के पास भी गए थे, और डीएम साहिबा के पास भी गए थे। मगर सभी जगह सिर्फ और सिर्फ हमे निराश होकर लौटना पड़ा। और अब वो सभी अधिकारियों का ट्रांसफर भी हो गया नानपारा क्षैत्राधिकारी के पास आज भी जाते है। मगर कुछ नहीं होता है। विपक्षी हमको कहते है मेरा कुछ नहीं होगा। सभी जगह गए मगर किसी ने नहीं सुनी और कोई सुनेगा भी नहीं। पीड़ित का कहना की क्या हम गरीबो के लिए कोई कानून नहीं है।
क्या हमें इन्साफ नहीं मिलेगा। हत्त्यारे आज भी जान माल की धमकी देते है। मगर आज भी हम दर दर भटक रहे है। जब भी हम क्षैत्राधिकारी नानपारा के पास जाते है।वहा क्षैत्राधिकारी के अर्दली मिलने ही नहीं देते कहते है । वो कहते है यहाँ से जाओ, उन लोगो को सजा होगी। यही सुनते सुनते आज सात माह हो गए है। मगर आज भी इन्साफ की उम्मीद लगाए हम भटक रहे है। इस उम्मीद के साथ की हो सकता है कोई अधिकारी मेरी बेटी की हत्या के आरोपी को सजा दिलाएगा। मेरी बेटी को जहर देकर मार दिया गया था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट भी आ गई थी। मगर आज भी अपराधी खुला घूम रहे है। अब इन्साफ दिला दे अन्यथा हम मुख्यमंत्री जी से मिलने जाएंगे । ये एक बुजुर्ग बाप का कहना है जो अपनी बेटी की मौत का इन्साफ मांग रहा है। मगर उसकी कोई सुनने वाला नही है। वो आज भी दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर।