बलिया

निजी स्कूलों की तर्ज पर काम करेगा बेसिक शिक्षा विभाग, घर घर दस्तक देंगे शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षा मित्र चलाएंगे ये अभियान

Shiv Kumar Mishra
31 March 2023 12:49 PM GMT
निजी स्कूलों की तर्ज पर काम करेगा बेसिक शिक्षा विभाग, घर घर दस्तक देंगे शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षा मित्र चलाएंगे ये अभियान
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गुरुजी देंगें घर घर दस्तक

उत्तर प्रदेश में शिक्षा की धारा से शत-प्रतिशत नौनिहालों को जोड़ने के साथ परिषदीय स्कूल में नामांकन बढ़ाने के लिए स्कूल चलो अभियान संचालित किया जाएगा। अभियान में गुरुजी घर-घर दस्तक देकर शिक्षा से वंचित बच्चों को चिह्नित कर उनका स्कूल में प्रवेश दिलाएंगे। योगी सरकार उत्तर प्रदेश की शिक्षा को ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

निजी स्कूलों की तर्ज पर करेंगे काम

बेसिक शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए निजी स्कूलों की तर्ज पर कार्य करना शुरू कर दिया है। नए शैक्षणिक सत्र 2023-24 में प्रवेश के लिए स्कूल में कार्यरत शिक्षक व प्रधानाध्यापक घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क करेंगे। इस दौरान पांच वर्ष आयु के बच्चों को सूचीबद्ध करते हुए उनका प्रवेश कराने के लिए प्रेरित करेंगे। अभियान के दौरान बीच में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को भी चिह्नित कर उन्हें शिक्षा की धारा से जोड़ा जाएगा।

जनप्रतिनिधि भी करेंगे सहभागिता

अभिभावकों को स्कूल की उपलब्धियों और सुविधाओं के बारे में जानकारी देते हुए गांव व आसपास के अशिक्षित बच्चों को शिक्षा से जोड़ने में सहयोग करने की अपील की जाएगी। स्कूलों में दाखिले बढ़ाने के लिए पंपलेट वितरित करने के साथ होर्डिंग्स लगाई जाएंगी। स्कूलों के बच्चों की संख्या बढ़ाने की मुहिम में केवल शिक्षक ही नहीं बीईओ और बीएसए भी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। अभियान में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।

स्कूलों में बनाए जाएंगे हेल्प डेस्क

परिषदीय स्कूलों में हेल्प डेस्क स्थापित होगा। डेस्क पर अभिभावकों को मॉडल संस्कृति व सामान्य राजकीय स्कूल की उपलब्धियां बताई जाएंगी। इसके अलावा हिंदी व अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई, स्मार्ट क्लास, डिजिट लैब, ड्यूल डेस्क, वाटर कूलर व निशुल्क शिक्षा के साथ पाठ्य पुस्तक व यूनिफॉर्म अनुदान की जानकारी दी जाएगी।

एक से शुरू होगा अभियान

बीएसए बलिया मनीराम ने जानकारी देते हुए बताया कि यह अभियान एक अप्रैल से शुरू होगा। शिक्षकों ने डोर-टू-डोर प्रचार शुरू कर दिया है। छात्र संख्या बढ़ाने के साथ शिक्षा की धारा से शत-प्रतिशत बच्चों को जोड़ना प्राथमिकता है।

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