बाराबंकी

प्रतिबंध बेअसर, प्लास्टिक व पालीथिन से पटे बाजार

Special Coverage News
30 Sept 2019 7:08 PM IST
प्रतिबंध बेअसर, प्लास्टिक व पालीथिन से पटे बाजार
x

बाराबंकी

प्लास्टिक व पालीथिन के प्रयोग पर प्रतिबंध पूरी तरह से बेअसर हो चुका है। क्षेत्र में इसका प्रयोग बेझिझक हो रहा नतीजा ये है बाजारों, चौराहों कि चाट की दुकानों से लेकर शराब के अड्डो पर इसकी उपयोगिता के बाद लगे ढेर से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है। थाना जहँगीरबाद के सदरूद्दीनपुर बाजार चौराहा इसकी नजीर है।

बाजारों में जगह-जगह कूड़े के ढेर पर इनका अंबार लगा है। सफाई कर्मियों के सामने भी यह एक बड़ी समस्या है कि वह इन्हें कहां फेंकें क्योंकि न तो यह गलते और न ही सड़ते हैं। जलाने पर प्रदूषण सर्वाधिक फैलता है। सदरुद्दीनपुर के देवा तिराहे श्थित एक तालाब तो अपनी आभा ही खो दिया । इस चैराहे पर एक देशी शराब का अड्डा है । यहां प्लासिक के डिस्पोजल, बोतल, पानी के पाऊच, प्याली,पत्तल से तालाब पूरी तरह पता पड़ा है।

इलाके में कस्बा जहँगीरबाद, त्रिलोकपुर, सहादतगंज, रामपुर, मसौली, शाहावपुर जैसे बड़े कस्बो के चौराहों पर चाहे चाट के ठेले हो या शब्जी, फल की दुकानें आपको खुले आम इसका प्रयोग करते दुकानदार मिल जायेंगे। कार्यवाही न होने से इस अभियान पर असर नही पैड रहा है।

गंभीर बीमारियों को दावत देती है प्लासिक

रसायन विज्ञान के जानकार बताते है कि प्लास्टिक के पाउच, गिलास, पत्तल में गर्म भोजन या खाद्य पदार्थ रखने पर उसमें हानिकारक डाईआक्सीजन का रिसाव होता है। जो शरीर में कैंसर का कारक बन सकता है। इसमें क्लोरीन, फ्लुओरिन, कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, आक्सीजन एवं सल्फर के अणु होते हैं। लंबे समय तक अपघटित न होने के अलावा भी प्लास्टिक अनेक प्रकार के दुष्प्रभाव छोड़ता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके रसायन मस्तिष्क एवं यकृत में कैंसर जैसे रोग पैदा कर सकते हैं। जलाने के बाद इससे निकली विषैली गैस से दम घुटने, कई दिनों तक इसके संपर्क में बने रहने से दमा तथा सांस संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। इसके क्लोरो-फ्लोरो कार्बन वायमुंडल की ओजोन परत को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

Next Story