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बाराबंकी एक्सीडेंट: ARTO ने NHAI के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज कराई FIR
बाराबंकी। रामसनेहीघाट के सड़क हादसे में एनएचएआई और परिवहन विभाग की लापरवाही और मनमानी खुलकर सामने आई है। जिस बस में 85 सवारियों की क्षमता थी उसमें 135 यात्रियों को बैठा दिया गया। हरियाणा से लेकर बाराबंकी तक बस आ गई पर उसे किसी ने रोका तक नहीं। यही नहीं हाईवे पर हादसों को रोकने के लिए पेट्रोलिंग से लेकर हर सुविधा मुहैया कराने का दावा भले ही वह करता हो लेकिन उसकी टीम कहीं दिखती नहीं है।
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में मंगलवार आधी रात हुए हादसे के मामले में एआरटीओ ने हादसे को लेकर एनएचएआई के अधिकारियों के खिलाफ तहरीर देकर एफआईआर दर्ज करवाई है। एआरटीओ ने रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र में स्थित कल्याणी नदी के पुल पर हुए भीषण हादसे के लिए एनएचएआई के अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है। एआरटीओ का आरोप है कि खराब होने के बाद बस हाईवे पर घंटों खड़ी रही। जबकि उसे वहां से हटाने जिम्मेदारी एनएचएआई की थी। बता दें कि इस बस हादसे में 18 यात्रियों की मौत और 16 गंभीर रूप से घायल हुए थे।
हादसे का शिकार हुई डबल डेकर बस (यूपी 22 टी 7918) का बीते चार वर्षों के दौरान 32 बार चालान हो चुका है। वहीं अंतरराज्यीय बसों के संचालन पर प्रतिबंध होने के बावजूद यह बस पंजाब से वाया यूपी बिहार जा रही थी। कोरोना काल में इंटरस्टेट बसों का संचालन बंद है। सिर्फ दिल्ली और उत्तराखंड के बीच बस संचालन को अनुमति शासन की ओर से दी गई है। ऐसे में बाराबंकी के पास हुए बस हादसे में बस पंजाब से मजदूर लेकर बिहार जा रही थी।
एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि बस हादसे में कोतवाली रामसनेहीघाट पुलिस ने बस संख्या- यूपी 22 टी 7918 ऋषभ ट्रैवेल्स कम्पनी के मालिक नाम पता अज्ञात, ऋषभ ट्रैवेल्स कम्पनी के मैनेजर नाम पता अज्ञात व ट्रक संख्या- एनएल 01 क्यू 8280 के चालक नाम पता अज्ञात के खिलाफ गैर इरादतन हत्या, महामारी अधिनियम सहित कई धारा में केस दर्ज किया गया है। एसपी का कहना है कि आरोपियों का पता लगाने के लिए पुलिस टीम लगाई गई है। जल्द ही उनको गिरफ्तार करने की कार्रवाई की जाएगी।