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बाराबंकी: मासूम बेटी की हत्या कर, मां का किया रेप, मौत
बाराबंकी
अनलॉक 1 सनसनीखेज घटनाओं की वजह से शायद कभी भुलाया न जा सके। हत्या हो या एक पूरे परिवार की खुदकुशी के बाद अब आदमी का वहशीपन सामने आया है। एक महिला के साथ रेप करने के बाद उसकी और मासूम बेटी की भी दर्दनाक हत्या कर दी। दूसरी बेटी भी हालत भी चिंताजनक है। एसपी फॉरेंसिक टीम डॉग सस्क्वायड मौके पर हैं।
सोमवार की सुबह इस वारदात की सनसनी सुबेहा थाना क्षेत्र के मरुई गांव से निकली और पूरे जिले को हिला गई। यहां रहने वाला एक शख्स कुवैत में काम करता है। गांव में पत्नी दो बेटियों के साथ रहती थी। वही दो बेटे अपने पास ही में ननिहाल अमेठी के शुकुलबाजार में रहने लगे। आज सुबह इस घर के पड़ोस में रहने वाला एक व्यक्ति घर की छत पर था तभी उसकी निगाह उक्त महिला के घर की तरफ गई। उसे यकीन नही हुआ खेलने चहकने वाली दो साल की लड़की खून से लथपथ पड़ी थी। उसने पूरे गांव को इत्तला दी। महिला के घर का दरवाजा अंदर से बंद था। खटखटाया गया मगर कोई जवाब नहीं मिला। अब सुबेहा पुलिस भी मौके पर आ गई। दरवाज़ा तोड़ा तो नीचे कोई नही था। छत पर पहुंची तो तख्त पर लगी मच्छरदानी के अंदर बेतरतीब कपड़ों में महिला की लाश दिखी।
बेरहमी से किया गया कत्ल
महिला के शरीर पर हथियारों से कई वार किये गए थे। ये वार करने के बाद चेहरा कूच दिया गया था। महिला के पास ही उसकी दूसरी छह वर्षीय बेटी भी जख्मी पड़ी थी। वो मासूम मौत से लड़ रही थी उसकी सांस चलती देख पुलिस ने उसे लखनऊ ट्रामा सेंटर भेज दिया। एक बेटी की सांस थम चुकी थी
एसपी बोले किसी परिचित की आशंका
घर के भीतर लूटपाट का कोई निशान दिखाई नही दिया। घटनास्थल की तस्वीर दुराचार की ओर इशारा कर रहे थे। महिला और उसकी दो बेटियों ओर हमले के कारण आशंका है कि घर मे घुसने वाले कई लोग थे और वो इस घर के बारे में ये जानते थे कि मां बेटियों के अलावा यहां कोई नही रहता। एसपी इस मामले में कहतें है कि महिला मायके व ससुराल दोनो जगह रहती थी। इधर 20 दिन पूर्व गांव आई थी। रात में जेठानी के घर खाना खाकर घर आई। ऐसा लगता है कि कोई परिचित व्यक्ति अंदर सहमति से आया था।
लाश ऐसे जैसे कोई टूटा हुआ खिलौना,दहल गए बेटे
घर के खाली पड़े जिस हाते में दो साल की मासूम की लाश ऐसे लग रही थी जैसे किसी ने गुस्से में आकर खिलौना तोड़कर फेंक दिया हो। छोटा सा जिस्म नन्हे हाथ पैर आधी उठी हुई उसकी फ्रॉक और लाश पेट के बल पड़ी हुई। उसके साथ हुई क्रूरता देखकर यकीन नही हो रहा था कि आदमी के सीने में वो पत्थर भी हो सकता है जिसमे एक घास का तिनका भी न लग सके।
यही हाल उसकी मां के साथ हुआ उसकी लाश के पास वो ईंट रखी थी जिससे शायद उस पर वार किए गए थे। खून इतना बहा कि उसकी धार छत की ढलान के साथ दूर तक चली गई थी। मां के चप्पल के साथ बेटी की चप्पलें भी पड़ी थीं। इस घर का मुखिया तो कुवैत में है लेकिन ननिहाल के लोग आ गए। घर आये दोनो बेटे सदमे से जड़ हो गए है वो बस दुसरो की बाते सुन रहे है और मां व बहन का वो हाल देखा जो किसी का भी दिल दहला सकता है। गांव का मजमा अफसोस में तो है लेकिन एक आक्रोश भी है जो उनके चेहरे पर साफ दिख रहा है।