बाराबंकी

फर्जी नियुक्ति से बने मदरसे में शिक्षक समेत 6 पर एसपी आकाश तोमर के आदेश पर मुकदमा दर्ज

Special Coverage News
26 Sept 2019 10:20 AM IST
फर्जी नियुक्ति से बने मदरसे में शिक्षक समेत 6 पर एसपी आकाश तोमर के आदेश पर मुकदमा दर्ज
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मदरसे में 2007 में हुई थी नियुक्त से लाखो रुपया हड़पा मचा हड़कंप

बाराबंकी

मदरसों के नाम समिति गठन कर विभाग से मान्यता लेकर इनके प्रबंधों ने कमाने की दुकान खोल रखी है। मनमानी इस कदर हावी है कि नियम को धत्ता बताकर फर्जीवाड़े पर उतर आते है। ऐसा अक्सर सामने आता रहा है इसी क्रम में यूपी के बाराबंकी में एक मैनेजर ने एक को बिना शैक्षिक अहर्ता के शिक्षक बना दिया 9 साल बाद इस मामले की पोल खुली तो जनपद के तेज तर्रार पुलिस कप्तान आकाश तोमर ने साक्ष्यों को देखते हुए फ्राड करके सरकारी धन हड़पने का मुकदमा दर्ज कराया है।

मदरसा मैनेजर, शिक्षक पर दर्ज हुआ मुकदमा

पुलिस कप्तान को मिली तहरीर के मुताबिक 2007 में 31 मार्च को मदरसा मैनेजर ने अपने मामा के बेटे नायब सदर अल्ताफ के साथ मिलकर अध्यक्ष अब्दुल सत्तार और सचिव सलीम अंसारी के सहयोग मो. ताजिर राईन नामक एक व्यक्ति को आधुनिक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया। मालूम हो कि अटल बिहारी सरकार ने मदरसों में दीनी तालीम के साथ मॉर्डन तालीम की व्यवस्था करते में हुए शिक्षक पद रिक्त किये थे । जिसका वेतन केंद्र सरकार का मानव संसाधन मंत्रालय वहन करता है।

नियुक्त के दौरान चल रहा था इम्तिहान

शिकायतकर्ता ने पुलिस कप्तान को बताया कि नियुक्त के दौरान इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा चल रही थी जो 3 मार्च 2007 से शुरू होकर 21 अप्रैल 2007 तक चली आरोपी शिक्षक भी इस परीक्षा का छात्र था । लिहाजा नियुक्त बिना इंटर पास कर दी गयी जब कि सशनदेश है कि नियूनतम शैक्षिक योग्यता इंटर होना जरूरी है। फर्जी शिक्षक बना मो. ताजिर ने जिस इंटर कालेज से इंटर पास किया वह के प्रधानाचार्य ने बताया कि आरोपी शिक्षक स्कूल से 27 जुलाई 2007 को अपना प्रमाण पत्र ले गया । लिहाजा 31 मार्च को हुई नियुक्त गलत है। विभाग ने भी इस मामले की जांच में पाया कि गुमराह करके सबूत मिटा कर नियुक्त ले ली गयी ।

फर्जी नियुक्ति ने लाखो का लगाया चूना

सरकार की आंखों में धूल झोंक कर मैनेजर अध्यक्ष सचिव ने शिक्षक की नियुक्त देकर सरकार का लाखो का चूना लगाया है। सरकार से वेतन लेकर खूब मौज मस्ती की। अब जब मुकदमा दर्ज हुआ तो हड़कम्म मचा है। और एक दूसरे को गुनहगार बता कर बचने की जुगत में लग गए है।

शिकायतकर्ता का कहना है पुलिस कप्तान की कार्यशैली से जनपद में ईमानदारी का माहौल बना है । त्वरित इंसाफ की नीति पर चल रहे पुलिस मुखिया आकाश तोमर के आदेश पर मुकदमा तो दर्ज हो गया है।

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