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यूपी में कर्जा वसूलने गई टीम के सामने किसान ने खा लिया जहर, मौत के बाद बीजेपी सांसद ने दिया बेतुका बयान
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में कर्ज में डूबे किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. वहीं किसान की मौत पर अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद उपेंद्र रावत के बेतुके बोल सामने आए हैं. एक तरफ सांसद मृतक के परिजनों से मिलकर मजिस्ट्रेट जांच करवाने का आश्वासन दे रहे हैं तो दूसरी तरफ कर्ज में डूबे किसान की मौत पर प्रशासन के पक्ष में खड़े हुए नजर आते है. वहीं राजस्व टीम के जरिए कर्ज में डूबे किसान की कस्टडी में जहर खाने से हुई मौत पर बीजेपी सांसद उपेंद्र रावत ने बेतुका बयान दिया है.
इस मामले में बीजेपी सांसद उपेंद्र रावत दोनों तरफ से लीपापोती करते नजर आए. उपेंद्र रावत ने किसान की मौत पर कहा, 'इसमें प्रशासन की कोई गलती नहीं है. मृतक पर प्रेशर था, वह तो पकड़ कर राजस्व कर्मी ले गए थे. उन पर कर्ज बहुत ज्यादा था. इसलिए शायद वह समझ नहीं पाए और उनका दिमाग काम नहीं किया.' वहीं जब सांसद से पूछा गया कि तहसील के अमीन अक्सर मृतक किसान से वसूली करते थे तो रावत बोले, 'हो सकता है कि ऐसा होता हो. अगर ऐसा होगा तो मजिस्ट्रेट जांच होती है तो सारी बातें सामने आ जाएगी.'
किसान पर 49 लाख का कर्ज
दरअसल, मृतक किसान की परिजनों की मांग है कि किसान का कर्ज माफ हो और आरोपी राजस्व कर्मियों पर मुकदमा दर्ज हो. लेकिन जिला प्रशासन आरोपी अधिकारियों को बचाता नजर आया. डीएम आदर्श सिंह ने बयान जारी करते हुए बताया कि किसान पर 49 लाख का कर्ज था. डीएम किसान को कर्जदार बताकर अपनी राजस्व टीम को बचाते नजर आए.
क्या था मामला?
मामला बाराबंकी के सिद्धौर क्षेत्र के मवैया मजरे सादुल्लापुर का है. यहां रहने वाले जगजीवन वर्मा ने तीन बैंकों से करीब 49 लाख रुपये का कर्ज ले रखा था. कर्ज की अदायगी न होने पर केनरा बैंक जैदपुर, कॉर्पोरेशन बैंक बाराबंकी और इंडियन बैंक शाखा सतरही ने आरसी जारी कर दी थी. गुरुवार को नायब तहसीलदार हैदरगढ़ अभिषेक यादव के नेतृत्व में राजस्व टीम कर्ज वसूलने के लिए गांव पहुंची थी. लेकिन डीएम के जरिए बताया गया कि किसान ने जहर खा लिया था, जिससे उसकी मौत हो गई है.
गरमाई सियासत
कर्ज अदा न कर पाने पर आरसी जारी होने के बाद राजस्व टीम की कस्टडी में जा रहे किसान की हुई मौत के मामले में सियासत गरमा गई है. समाजवादी पार्टी के विधायक गौरव रावत, पूर्व सांसद रामसागर और कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता तनुज पूनिया परिजनों की मांग के समर्थन में खड़े नजर आए.
अंतिम संस्कार करने से इनकार
वहीं परिजन इस पूरे मामले में दोषी जिम्मेदार राजस्व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही जगजीवन की मौत से किसानों में भी आक्रोश नजर आया. नाराज किसानों और परिजनों ने मांग पूरी न होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है.