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ग्राम पंचायत अधिकारी का शव पेड़ से लटकता मिला, हत्या की आशंका
बाराबंकी
तीस वर्षीय ग्राम पंचायत अधिकारी की लाश एक पतले यूकेलिप्टस पेड़ से झूलती पाई गयी। मृतक रामनगर ब्लाक की 7 ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी संभाले था। 13 माह पूर्व हुई शादी के बाद पत्नी प्रेग्नेंट हुई तो घर मे खुशी का माहौल था। परिवार के मुताबिक पूरा घर उसको और वह सबको बेशुमार प्यार करता था । ये रहस्यमय मौत किसी के गले नही उतर रही। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।
रामनगर ब्लाक में तैनात थे विवेक सिंह
तीस वर्षीय विवेक सिंह मूलतः बसारा थाना फतेहपुर के निवासी रामप्रकाश के छोटे बेटे है। दो साल पूर्व ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर नौकरी मिली । रामनगर ब्लाक के बीडीओ कमलेश कुमार ने कार्य क्षमता देख कर 7 बड़ी पंचायतों त्रिलोकपुर,बिलखिया, भिटौरा,अमोली कीरतपुर,गेंदोरा, टेलवारी, गोपालपुर का कार्य भार सौंपा । जिसे वह बखूबी अंजाम देते थे। एडीओ पंचायत श्याम कृष्ण श्रीवास्तव , जियाउल हसन के मुताबिक ब्लाक में सबसे तेज तर्रार काम करने वाले अधिकारी थे। काम का भारी बोझ के बाद भी उनकी खुशमिजाजी के सब कायल थे।
संदिग्ध मौत को लेकर चर्चाएं गर्म
बड़े भाई विनय कुमार के मुताबिक मृतक खाना खाया सबसे बढ़िया बात की रात 10 बजे तक मोबाइल पर जूट रहे । फिर अचानक कहा चले किसी को पता नही चला । अमूमन 11 बजे से पहले सो जाने वाले विवेक 12 बजे तक नही लौटे तो खोज शुरू हुई सैकड़ो आदमी तलाश में जुट गए। 4 बजे सुबह गांव से बाहर एक पतले यूकेलिप्टस पेड़ से झूलते दिखे । बताया कि पैर जमीन पर थे। पायजामा के कमजोर नारा के सहारे उनका सर झूल रहा था । भाई के मुताबिक नारा (सुतली) इतना कमजोर है कि एक झटके में टूट जाता है।
आखिर मोबाइल क्यों नही मिला
घर से गायब होने से पहले जिस मोबाइल को वह चला रहे थे । वह शव के पास से गायब है। चर्चाओ की माने तो जान इतनी आसानी से नही जाती खुदकुशी के वक्त व्यक्ति जोर जोर के झटके लेता है। बरामद सुतली के सहारे फांसी मुमकिन ही नही है। शक टैब और गहरा हो जाता जब घटना स्थल से मोबाइल नही मिलता । फिलहाल ये हत्या है या आत्म हत्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्पस्ट हो पायेगा। लेकिन परिवार से लेकर ब्लाक के स्टाफ़ तक खुदकुसी को हजम नही कर पा रहे है।
प्रेग्नेंट पत्नी का है बुरा हाल
8 मार्च 2018 को रामनगर के घौखरिया निवासी शिखा सिंह के साथ शादी हुई थी। वर्तमान में पत्नी मायके में थी । खबर पाकर तड़पती हुई ससुराल पहुची और अपने पति के बेजान जिश्म से लिपट कर बेतहासा चीख पुकार में बदहवास होकर गिर गयी । पेट मे पल रहे अजन्मे बच्चे का वास्ता और तमाम वादों को याद करके अपना माथा जमरन पर पटक कर किस्मत को कोसना जिसने भी देखा रो पड़ा। उधर बहन प्रीति भाई विनय अन्य परिजनों पर गमो का पहाड़ टूट पड़ा ।
खबर पाकर बीडीओ कमलेश कुमार, एडीओ पंचायत श्याम कृष्ण श्रीवास्तव, सेक्रेटरी राधेश्याम पाल, ज्ञान प्रकाश, अजय यादव, रिषभ पांडे, रजनेश शुक्ला, विनोद मिश्रा बाबू, रंजीत सिंह, जियाउल हसन अंसारी, जोहेब अहमद, अभिषेक बेरिया समेत हजारो लोगो मौके पर पहुचे।