बरेली

RTI एक्टिविस्ट विनोद सिंह ने साक्षी मिश्र उर्फ सीनू भरतौल को लिखा मार्मिक खत, जरूर पढ़ें ताकि आँखों से पर्दा हटे

Special Coverage News
25 July 2019 2:17 AM GMT
RTI एक्टिविस्ट विनोद सिंह ने साक्षी मिश्र उर्फ सीनू भरतौल को लिखा मार्मिक खत, जरूर पढ़ें ताकि आँखों से पर्दा हटे
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साक्षी बेटा, मैं आपके प्रकरण प्रारम्भ अब तक बड़े ही सतर्कता के साथ देख रहा हूँ। एक - एक घटना क्रम का अपने स्तर बड़े ही बारीकी से विवेचना किया। तो विभिन्न बिन्दु मेरे विचार में आया है। जिससे बेटा आपकी गलती कम दिखाई दे रही है। हां, यह अवश्य है कि बेटा आप राजनैतिक साजिश की शिकार हो गई हो। जो आपके बहादुर पिता एवं बरेली के सबसे प्रभावशाली विधायक आदरणीय श्री राजेश मिश्र उर्फ पप्पू भरतौल के स्वाभिमान, सम्मान एवं यश व कीर्ति को मिटाने के लिए आताताई गौरव सिंह, अरमान एवं अन्य भाजपा नेताओं द्वारा रची गई थी। जिसमें कतिपय नौकरशाह भी सम्मिलित रहे हैं। जो आपके प्रभावशाली पिता को नीचा दिखाना चाहते थे और आप उनकी ईच्छाओं को पूर्ण करने वाला माध्यम बन गई। आपको मालूम है अथवा नहीं। आपके बहादुर बाप के हत्या की भी साजिश रची गई थी और उसमें वर्तमान समय में आपके तथाकथित पति अजितेश भी सम्मिलित रहा है। बेटा आप जरा विचार करो कि जो अजितेश आपके घर आपके पिताजी की कृपा से आता जाता रहा है और वह पूर्णतया बेरोजगार है। आपकी जाति का भी नहीं है और न ही आपके पिता के सम्मान के बराबर वाले परिवार का ही है। तो ऐसे में आप उसके साथ अपनी ईच्छा से घर छोड़कर भाग जाओगी। यह बात मुझे सत्य नहीं लगता है। अपितु यह बात सत्य है कि आपके पिता आपकी माता जी की दवा कराने बाहर गए हुए थे और आपका भाई विक्की भी घर पर नहीं थे। इन्हीं परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठाकर आपका कथित प्रेमी अजितेश आपको किसी अन्य बहाने से घर से बाहर ले गया और सुनियोजित तरीके से आपकी ईच्छा के विपरीत आपसे आपके पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के विरूद्ध झूठे आरोप लगाते हुए वीडियो बनवाकर सोशल मीडिया पर वायरल कराया गया। तदोपरान्त आप उन साजिशकर्ताओं के चंगुल में पूर्णतया आ गयीं । अब उनके इशारे पर आप अपनी सुरक्षा हेतु मजबूरन हाईकोर्ट में याचिका दायर किया।

आज जब आपका यह पोस्ट मैंने अपने फेसबुक पर पढ़ा तो मजबूर होकर आपके पोस्ट यह टिप्पणी लिख रहा हूँ। चूंकि मैं भी एक बेटी का बाप हूँ और आपके पूजनीय पिता जी की तरह बहुत बड़ा स्वाभिमानी भी हूँ। इसलिए एक बाप की हैसियत से आप से जानना चाहता हूं कि क्या एक बाप अपने बच्चों को बालिग होने के पश्चात उनका अभिभावक भी नहीं रह जाता है ? क्या एक पढ़ी लिखी बेटी अपने घर परिवार के लोगों को छोड़कर भाग जाए तो उस परिवार का समाज में अपमान नहीं होता है ? क्या कानून बाप के खोए सम्मान को वापस दिला सकता है ? नहीं ऐसा कुछ भी सम्भव नहीं है। आपने अपने पोस्ट में अपने को "अजितेश की शेरनी" लिखा है। यही बात है जिसके कारण मैं पहली बार आपके लिए कुछ लिख रहा हूँ। बेटा आप जब तक श्री राजेश मिश्र जी की बेटी थीं। तब तक निश्चित रूप से "शेरनी" रही हो क्योंकि आपके पूज्य पिताश्री नरों में सिंह अर्थात "नरसिंह" हैं और सिंह शेर को ही कहा जाता है। शेर को बेटी ही शेरनी कहलाने योग्य होती है। बेटा जिसे आपने अब खो दिया है और आपका यह पोस्ट आपके हृदय की पीड़ा को दर्शा रहा है क्योंकि आप पहले शेरनी थीं। बेटा हृदय पर हाथ रखकर विचार करो और यदि आपके साथ साजिश करके आपको घर से भगाने का कार्य किया गया है तो आप आज भी अपने घर वापस लौट आओ बाप का हृदय बड़ा विशाल होता है। जिसमें अपने संतानों के अनेक गलतियों से क्षमा करने की क्षमता होती है। बेटा हमारे यहां तो एक कहावत है कि "सुबह का भूला, शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते हैं।" बेटा आपके घर वापस लौट आने से परिस्थितियों बदल जाएंगी। जो लोग आज आपके पिता की हंसी उड़ा रहे हैं उनका मुह बन्द हो जाएगा तथा आपको घर से भगाकर, आपके पिता के सम्मान को क्षति पहुंचाने वालों के मनसूबे धराशायी हो जाएंगे और भविष्य में इस तरह की राजनैतिक साजिश कोई नहीं करेगा। बेटा, आज जो लोग भी तुम्हें बहला फुसला रहे हैं और आर्थिक सहायता कर रहे हैं। वही लोग कल को तुम्हें ताना मारेंगे। जरा, सोचो जब आप अपने पिता के पास रही हो तो आपको किसी से कुछ मांगने की आवश्यकता नहीं पड़ी होगी। अभी आपकी का पूरा जीवन शेष है और अजितेश जैसे दलित और बेरोजगार के साथ आप अपना जीवन कैसे बिताओगी। बेटी, बाप का मान-सम्मान और अभिमान होती है। बेटी कभी भी बाप के अपमान का कारण नहीं बनती है और बाप को हुए थोड़े से ही पीड़ा पर बेटी तड़प उठती है। इसलिए हे पुत्री ! विरोधियों के साजिश का पर्दाफाश करके अपने आत्मसम्मान को समझते हुए यथार्थ को स्वीकार करने की ईच्छाशक्ति जागृत कर बाप के सम्मान को धूलधूसरित करने वाले दरिंदों को बेनकाब करने का कार्य करो। जिससे किसी अन्य स्वाभिमानी व्यक्ति के साथ इस तरह की राजनैतिक साजिश न हो सके।

साक्षी बेटा, मैं इस सम्पूर्ण घटना से बहुत ही दुःखी हूँ और एक स्वाभिमानी बाप होने के कारण पूज्य ब्राह्मण श्रेष्ठ एवं आदरणीय विधायक श्री राजेश मिश्र जी की पीड़ा को बखूबी समझ रहा हूँ। बेटा, आप तो विधायक की बेटी हो। आपको जीवन कष्ट का अनुभव कम हुआ होगा। वैसे बाप के रहते संतान को परेशानी नहीं उठाना पड़ता है। यदि घर परिवार के लोगों से आपको कोई परेशानी थी। तब भी आपको किसी के बहकावे में आकर बाप की भावनाओं और इज्ज़त के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए था। बेटा लोग अच्छे कार्य की चर्चा कम करते हैं और बुरे कर्मों को सुर्खियों में ला दिया जाता है। बेटा कुलीन ब्राह्मण परिवार में जन्म लेकर आपको सनातन संस्कृति का ही पालन करना चाहिए क्योंकि जब हमारे देश में सनातन संस्कृति का लोग पालन करने थे तो हमारा देश "विश्वगुरू" था। जबसे हमारे यहां के लोग पाश्चात्य संस्कृति की नकल करने लगे सब कुछ समाप्त हो गया।

मेरा सनातन संस्कृति के पोषक, धर्मध्वजवाहक परम आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार व भाजपा के नेताओं से प्रश्न यह है कि क्या सम्मान के साथ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में आम जनता में लोकप्रियता हासिल करने के कारण आदरणीय श्री राजेश मिश्र उर्फ पप्पू भरतौल जी विधायक बरेली से ईर्ष्या व द्वेष के परिणाम स्वरूप सुनियोजित साजिश करके भाजपा नेताओं ने उनकी बेटी साक्षी मिश्रा का अजितेश नामक दलित समाज के व्यक्ति के सहयोग से अपहरण कराया और उनके लिए विभिन्न स्थानों पर हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराया एवं उनके बैंक खातों में धन स्थानांतरित किया। जो जांच में प्रमाणित भी हो चुका है। अब जब साजिश का पर्दाफाश हो गया है तो आप दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं ? जब आप अपने विधायक के सम्मान और मर्यादा की रक्षा नहीं कर सकते हैं तो आम जनता के सम्मान की रक्षा कैसे हो पाएगी ? योगी जी आपसे सनातन संस्कृति की रक्षा का सबको पूर्ण विश्वास है और आपके शासन काल में एक ब्राह्मण की बेटी का एक सुनियोजित तरीके से अपहरण करके सोशल मीडिया पर अकारण ही वीडियो वायरल करके सम्मान व इज्ज़त को तार-तार कर दिया जाय । तो यह कहाँ का न्याय है ? यक्ष प्रश्न यह है कि जब कांग्रेस ने शाहबानो प्रकरण में कानून का संशोधन कर दिया। तो सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए आप भी बेटी साक्षी मिश्रा के लिए कानून का संशोधन करके बालिग बेटी के विवाह में माता पिता की सहमति आवश्यक होने वाला बना दीजिए तथा बेटी साक्षी मिश्रा के अपहरण अथवा घर से भगाकर ले जाने के प्रकरण की सीबीआई जांच कराकर सभी संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही कराने की कृपा करिए। जिससे भविष्य में इस तरह के घटना की पुनरावृत्ति न हो सके।

बेटा, हमारे देश में अनादि काल से पुत्रियों को अपनी ईच्छा से वर चुनने का अधिकार रहा है। इसीलिए हमारे देश में पहले स्वयंवर आयोजन की परम्परा रही है। परन्तु अन्तर्जातीय विवाह सनातन संस्कृति के विपरीत है क्योंकि अन्तर्जातीय विवाह के पति-पत्नी से उत्पन्न बच्चे वर्णशंकर कहा जाता है और सनातन संस्कृति के अनुसार वर्णशंकर बच्चों द्वारा अपने पूर्वजों को पिण्डदान भी नहीं किया जा सकता है। बेटा, इसीलिए द्रोपदी ने अपने स्वयंवर में अंगराज कर्ण सूतपुत्र कहकर स्वयंवर की शर्तों के अनुसार मछली की ऑख भेदन करने से मना कर दिया था। बेटा, आप तक अगर एक बेटी के इस बाप की बात पहुंच जाय तो इस पर मनन एवं चिंतन अवश्य करना तथा संभव हो तो मुझे जिस भी माध्यम से चाहना। उत्तर देकर संतुष्ट भी करना।

आपके उत्तर की प्रतीक्षा में:-

विनोद प्रताप सिंह

सामाजिक कार्यकर्ता

संत कबीर नगर

मोबाइल नंबर- 8953588623

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