बरेली

एसएसपी ने चार्ज लेते हीकिया ऐलान, सुधर जाएं रिश्वतखोर कामचोर और हेकड़ पुलिस कर्मी, मचा हड़कंप

Shiv Kumar Mishra
16 March 2023 7:31 PM IST
एसएसपी ने चार्ज लेते हीकिया ऐलान, सुधर जाएं रिश्वतखोर कामचोर और हेकड़ पुलिस कर्मी, मचा हड़कंप
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बरेली। आईपीएस प्रभाकर चौधरी काफी तेजतर्रार अफसर हैं। काम को पहली प्राथमिकता और अनुशासन में प्रभाकर चौधरी विश्वास रखते है कानून का सख्ती से पालन करना और करवाना को ही पहली जरूरत मानते हैं। एसएसपी प्रभाकर चौधरी अपने काम के खास अंदाज को लेकर चर्चा में रहते हैं।

प्रभाकर चौधरी को 15 जून 2021 को मेरठ का एसएसपी बनाया गया था। ज्वाइनिंग से पहले इन्होंने 15 से 17 जून तक छुट्टी पर रहे। इस दौरान उन्होंने गुपचुप तरीके से शहर घूमा और स्थिति का जायजा लेने को बाद चार्ज लिया था। हालाकि इस बार ऐसा नहीं है। प्रभाकर चौधरी से बातचीत की। इस दौरान वह सीतापुर 11वीं वाहिनी पीएसी ऑफिस में ही थे। उन्होने बताया कि वह शाम तक बरेली पहुंचकर चार्ज लेंगे। उन्होने बताया कि लोगों को न्याय दिलाना ही उनकी पहली प्राथमिकता है।

इससे पहले बता दें कि आईपीएस अखिलेश चौरसिया से पहले रहे आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज के कार्यकाल के दौरान पुलिस ने हर व्यक्ति का मुकदमा दर्ज कर ईमानदारी के साथ विवेचना की थी। यहीं वजह थी कि 82 दिन के कार्यकाल में लोगों की खूब सुनवाई हुई थी। इसकेसाथ ही सत्यार्थ अनिरुद्ध के कार्यकाल में भ्रष्ट और लापरवाह पुलिस कर्मियों पर भी खूब चाबूक चला था। जिस तरह सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज सादगी और ईमानदारी के लिए जाने जाते है। ठीक इसी तहर से आईपीएस प्रभाकर चौधरी काम में ईमानदारी सादगी के साथ-साथ वह लापरवाह और भ्रष्टाचारी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने केलिए जाने जाते हैं।

उन्होंने मेरठ में अपने एक साल नौ दिन के कार्यकाल में 495 पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान उन्होने कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल तक भेज दिया था। यहीं वजह है कि जिले कि जनता को एक बाद फिर से सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज याद आने वाले हैं। बचपन में प्रभाकर चौधरी केमेस्ट्री के लेक्चरर बनना चाहते थे। किस्मत ने उन्हें आईपीएस बना दिया। इनका जन्म 1 जनवरी 1984 को प्रदेश के अंबेडकर नगर में हुआ। इनके पिताजी का नाम पारस नाथ चौधरी है।

प्रभाकर चौधरी को बचपन से की पढ़ने का शौक था। वह रोज पांच से छह घंटे पढ़ा करते थे। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में 76 प्रतिशत अंक ही प्राप्त किए तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीएससी 61 प्रतिशत अंकों से क्लीयर किया और बाद में एलएलबी की पढ़ाई की। पहली ही बार में सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास कर आईपीएस बन गए वह बस्ती कानपुर देहात वाराणसी बिजनौर मेरठ आगरा में एसएसपी रह चुके हैं।

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