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बस्ती की महिला अफसर के घर में घुसकर रेप की कोशिश, दूसरे अफसर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में तैनात महिला नायब तहसीलदार सिटी के घर का दरवाजा तोड़कर रेप की कोशिश हुई। इस घटना का इल्ज़ाम साथ में ही तैनात पीसीएस अधिकारी नायब तहसीलदार सदर घनश्याम शुक्ल पर हैं। फिलहाल मुकदमा दर्ज हो गया हैं।
रिपोर्ट दर्ज होने के बाद यूपी पुलिस जांच में जुटी हैं। इस मामले ने तूल तब पकड़ा जब बीजेपी के गोरखपुर सीट से विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह के ट्वीट कर दिया साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस से मदद करने की गुहार लगाई। चूंकि पीडिता नायब तहसीलदार गोरखपुर की रहने वाली है।
पीडिता ने अपने प्रार्थना पत्र में लिखा सेवा में प्रभारी निरीक्षक महोदय, थाना-कोतवाली जनपद - बस्ती पिन कोड - UP272002
विषय - प्रथम सूचना रिपोर्ट (F.I.R.) दर्ज कराने व मेडिकल जांच कराने (जान से मारने और बलात्कार करने की कोशिश) के सम्बन्ध में।
महोदय
सादर अवगत कराना है कि मैं सरकारी नायब तहसीलदार , जनपद बस्ती में कार्यरत हूँ। मैं पवन विहार की निवासिनी हूँ। वर्तमान में तहसील बस्ती सदर परिचर के आवास में अकेले रहती हूँ।
दिनांक 12.11.2023 लगभग 01:00-2:30AM मेरे सरकारी निवास के बगल के सरकारी आवास में रहने वाले धनश्याम शुक्ल (नायब- तटमी. लदार बंदर) ने मेरे आवास के पिछे सामने का दरवाजा खटखटाया। मेरे द्वारा दरवाजा न खोलने पर मेरे आवास के पीछे का दरवाजा लात मारकर तोड़ दिया। और मेरे आवास में जबरदस्ती घुम गया। उसने मुझे बहुत थप्पड़ मारा, गन्दी गालियाँ दीं, मुझे कई जगह (गाल, होठ, दायीं कहो, दोनों बाहों, बायी छाती) पर काटा मेरे कपड़े फाड़ दिए और मुझे फर्श पर गिरा कर, मेरे आथ बलात्कार करने की कोशिश की। मेरे द्वारा बार-बार विरोध करने के बाद भी, मुझे प्रताड़ित किया। और मुझे दबोच कर, मेरा गला दबा कर, मेरी हत्या करने की कोशिश की मुझे मरा हुआ जानकर हत्या करने छोड़कर वह हॉल की तरफ गया। मे डर की वजह से चौकी ( विस्तर) के नीचे छिप गयी। पुन: मुझे बिस्तर के नीचे से पकड़कर जान लेने की कोशिश और बलात्कार करने की कोशिश की गयीं। मैंने बहुत मुश्किल से अपनी जान बचायी और बन्द कर दिया।
बाहर की तरफ भागी और अपना दरवाजा बाहर से बंद कर दिया उसके बाद मेरे आवास के पीछे के दरवाजे से निकलकर घनश्याम शुक्ल अपने आवास से होते हुए बाहर आया और मुझे बाहर पाकर मुझपर पुन: झपटा। मैं तत्काल अपने घर के दरवाजे से अन्दर घुसकर कुन्डी बन्द कर दी और वह पुन: मेरे घर के सामने का दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया एवं एक कुन्डी तोड़ दी। परन्तु सामने का दरवाजा न खुल सका, क्योंकि एक सिटकिनी (लैच) लगी थी। इसी बीच भागकर मैंने पीछे के दरवाजे पर ताला लगाया एवं तख्त खींच कर दरवाजे पर खड़ा कर दिया।
सामने के दरवाजे से बार-बार मेरे आवास में आने के प्रयास में असफल होने पर वह पीछे के रास्ते से वापस आने की कोशिश में असमर्थ होने पर वह पीछे की खिड़की पर आकर गालियां देने लगा। बहुत देर तक मेरे पीछे की खिड़की पर रुकने के बाद, वह चला गया।
तीन दिन तक मैं घर पर डरी सहमी होती रही और किसी से भी इस बात की चर्चा नहीं की । दिनांक 15.11.2023 को पिता जी आवास पर आए, परन्तु डर और शर्म के कारण, मैं उन्हें यह बात न बता सकीं । '
मैं उसी दिन (15-11-2023) को तीन दिवस का अवकाश लेकर घर चली गयी। घर जाकर मैंने अपनी पूरी बात अपने परिवारजनों को बताया।
अतः आपसे निवेदन है कि शीघ्र प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करते हुए, मेरा मेडिकल कराएं और उचित कार्यवाही करें।
दिनांक - 16-11-2023
इस रिपोर्ट के वायरल होने के बाद बस्ती पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। फिलहाल सवाल यह खड़ा हुआ है जब इस पद पर तैनात अधिकारी की रिपोर्ट दर्ज होने में इतना समय लगा है तो आम आदमी की शिकायत में कितना समय लगेगा कहना मुश्किल काम होगा।