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बस्ती में पुल बह जाने से 40 हजार लोगों का आवागमन बाधित, कांवड़िए भी नहीं कर पाएंगे जलाभिषेक
बस्ती : सरकार लाख प्रयास कर ले, लेकिन जिम्मेदार हैं जो सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं, अहमदाबाद के मोरबी में हुए पुल हादसे के बाद सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया था की यूपी के सभी पुलों का जीर्णोद्धार किया जाए और उसके लिया शासन द्वारा बाकायदा बजट भी दिया गया।
इसी सिलसिले में बस्ती में भी छः पुलों का निर्माण होना था जिसके लिए शासन ने बजट भी अवमुक्त कर दिया लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी बस्ती के कुदरहा ब्लॉक में मनोरमा नदी के तट पर गोनार – कछुआड़ घाट दिसम्बर 2021 में ही शासन ने 50 लाख की लागत से ओवरब्रिज निर्माण का सेतु निगम को आदेश दिया था लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी इस पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
एक साल बीत जाने के बाद भी जब पुल का निर्माण सेतु निगम द्वारा शुरु नहीं किया गया तो स्थानीय नागिरकों ने चंदा इकट्ठा कर 70 हजार की लागत से नदी पार करने के लिए बास बल्ली से जुगाड़ू पुल का निर्माण करवाया. शहर और बाजार की दूरियां कम करने के लिए लोग जान जोखिम में डालकर इस जुगाड़ू पुल से आना जाना शुरु कर दिए लेकिन इस बार मानसून के आते ही पानी और जलकुंभी के दबाव में यह जुगाड़ू पुल भी टूट के बह गया. जिसका वीडियो और फ़ोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हो रहा है।
जुगाड़ू पुल बहने के साथ ही बह गई हजारों लोगों के आवागमन की उम्मीदें भी. अब इस पुल के टूट जाने से खखरा, अमानाबाद, जगरनाथपुर, चंदरपुर, तुलसीपुर, बिजवलिया, दैजी, टिटिहीरी, मसुरिहा सहित दो दर्जन गांव के 40 हजार की आबादी की आवागमन भी बाधित हो गई है. पवित्र माह श्रावण शुरु होते ही कुआनों और मनोरमा नदी के संगम तट पर स्थित मुक्षेश्वर नाथ शिव मंदिर में हजारों की संख्या में शिवभक्त जलाभिषेक करने आते हैं, लेकिन पुल टूट जाने के बाद अब ये शिव भक्त मंदिर में जलाभिषेक नहीं कर सकेंगे।
प्रभारी डीएम और सीडीओ बस्ती राजेश प्रजापति ने बताया कि पुल के निर्माण के लिए जो बजट भेजा गया था वो पुराना था 13 करोड़ का स्टीमेट बनाकर बजट को रिवाइज करने के लिए सेतु निगम द्वारा भेजा गया है, बजट मिलते ही पुल का निमार्ण कार्य शुरू करा दिया जाएगा. साथ ही स्थानीयो के आवागमन के लिए नाव आदि की व्यवस्था की जाएगी।