बिजनौर

अमित शाह ने बताया, राहुल गांधी क्यों वायनाड से लड़ रहे हैं चुनाव - 'हिंदू आतंकवाद' पर कांग्रेस को घेरा

Special Coverage News
31 March 2019 9:59 AM GMT
अमित शाह ने बताया, राहुल गांधी क्यों वायनाड से लड़ रहे हैं चुनाव - हिंदू आतंकवाद पर कांग्रेस को घेरा
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अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस ने पूरी दुनिया में विश्वबंधुत्व का भाव बढ़ाने वाले हिन्दू समुदाय को आतंकवाद के साथ जोड़कर बदनाम करने का काम किया

बिजनौर (नितिन द्विवेदी) : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पहली बार दो लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ने की घोषणा पर बीजेपी चीफ अमित शाह ने तंज कसा है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी की अमेठी के अलावा केरल के वायनाड से भी राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के फैसले पर बीजेपी ने हमला बोला है. चुनाव प्रचार के क्रम में यूपी में एक रैली को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी की दो सीटों से चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि अमेठी में हिसाब-किताब चुकता होने वाला है, इसलिए राहुल गांधी केरल भाग रहे हैं. अमित शाह ने कहा कि अमेठी में हार की डर की वजह से राहुल गांधी वायनाड भाग रहे हैं.

शाह ने 'हिंदू आतंकवाद' को लेकर भी कांग्रेस पार्टी को आड़े हाथों लिया। शाह ने सवाल किया, हिन्दू कभी आतंकवादी हो सकता है क्या? उन्‍होंने कहा, 'शायद राहुल गांधी को नहीं पता कि हम तो चीटियों को भी आटा खिलाने वाले लोग हैं, लोगों को कैसे मारेंगे। आतंकवाद को धर्म के साथ जोड़ने का पाप कांग्रेस ने किया। अपनी वोटबैंक की राजनीति के लिए पूरी दुनिया में गौरवशाली हिन्दू समुदाय को बदनाम करने का पाप कांग्रेस ने किया है।'

उन्‍होंने कहा, 'विपक्ष के लोग तुष्टिकरण की राजनीति करने से बाज नहीं आते। अभी कुछ दिन पहले पंचकूला की एक कोर्ट ने 2007 में समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्‍फोट पर फैसला दिया। उस समय की कांग्रेस सरकार ने कहा था कि समझौता एक्सप्रेस विस्‍फोट हिन्दू आतंकवाद का नमूना है। कांग्रेस ने पूरी दुनिया में विश्व बंधुत्व का भाव बढ़ाने वाले हिन्दू समुदाय को आतंकवाद के साथ जोड़कर बदनाम करने का काम किया।

अमित शाह ने कहा, 'कांग्रेस की वोटबैंक की राजनीति ने देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है। इसी का नतीजा है कि राहुल गांधी अमेठी छोड़कर केरल की ओर भागे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि इस बार अमेठी में उनका हिसाब-किताब होना तय है। उनका मकसद ध्रुवीकरण के जरिए केरल में जीत हासिल करने का है।'

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